गोरखपुर-परतावल सीसी रोड का निर्माण कार्य करा रही कार्यदायी संस्था की लापरवाही से रोजाना हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। सड़क पर पड़ी गिट्टी उबड़-खाबड़ रास्ता और आए
गोरखपुर-परतावल सीसी रोड का निर्माण कार्य करा रही कार्यदायी संस्था की लापरवाही से रोजाना हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। सड़क पर पड़ी गिट्टी, उबड़-खाबड़ रास्ता और आए दिन हादसे से दुश्वारियां बढ़ गईं हैं। गर्मी के मौसम में सड़क पर धूल भरी आधी चलने का नजारा रहता है। दो वर्ष का काम चार वर्ष में भी पूरा नहीं हो सका। मुख्यमंत्री की वरियता सूची में यह सड़क शामिल है। इसके बाद भी धीमी गति से चल रहे काम पर जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं । वर्ष 2015 में गोरखपुर से परतावल के बीच 32 किलोमीटर सीसी रोड बनाए जाने की अनुमति मिली थी।
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दो वर्ष में काम पूरा करने का निर्देश दिया गया। इस परियोजना के लिए 388 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। सरकार ने सड़क बनाने के लिए पांच फीसद धन तुरंत अवमुक्त कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर-परतावल रोड को वरियता सूची में रखा। दिसंबर 2017 में शासन ने फिर से बाकी रकम को अवमुक्त कर दिया। इसके बाद निर्धारित समय में काम पूरा नहीं हो पाया। काम में देरी होने की वजह से यात्रियों की परेशानी भी बढ़ती चली गई। गोरखपुर से महराजगंज की दूरी तय करने के लिए लोगों के ढाई घंटे लग जाते है। सड़क खराब होने की वजह से वाहनों में डीजल-पेट्रोल की खपत बढ़ गई।
अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड सचिन कुमार ने कहा कि गोरखपुर-परतावल रोड पर सीसी सड़क बनाई जा रही है। सीसी रोड में समय लगाता है। स्वीकृति के बाद दो वर्ष में काम पूरा करना था, लेकिन कई वजहों से समय सीमा बढ़ गई और काम में देरी हुई। कार्यदायी संस्था तेजी से काम कर रही है।
Source :- www.jagran.com