अटैच किए गए कोटेदार ने कहा- मशीन में जितना शेष राशन बचा है मुझे प्राप्त भी उतना ही हुआ है। इससे पहले फिंगर लगाने वाले लोगों को मैं कहां से राशन दूंगा
परतावल। ब्लाक के ग्राम सभा बैरिया में कोटेदार द्धारा दर्जन भर से ज्यादा लोगों को फिंगर लगवाकर भी राशन नहीं दिया गया। कोटेदार प्रकाश चन्द्र जायसवाल के अत्याचार से ग्रामीणों को कोविड-19 जैसी महामारी के समय भी राशन से वंचित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से पात्र लोगों को यूनिट से कम राशन मिल रहा था। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत उपजिलाधिकारी सदर तथा जिलापूर्ति अधिकारी से की।
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18 अप्रैल को शिकायत की जांच करने पहुंचे जिलापूर्ति अधिकारी ने ग्राम सभा में पहुंचकर लोगों का बयान लिया जिसमें कोटेदार की मनमानी सामने आई और जिलापूर्ति अधिकारी ने कोटेदार को निलंबित कर दिया। और दुकान को बगल के गांव बासपार कोठी के कोटेदार अच्छेलाल से अटैच कर दिया। कोटेदार प्रकाश चन्द्र जायसवाल ने निलंबित होने के बाद भी कुछ लोगों से मशिन में फिंगर लगवा लिया लेकिन राशन नहीं दिया। मशिन में लगवाए गए फिंगर के अनुसार शेष बचे लगभग 19 कुंतल चावल अच्छेलाल को हैंड ओवर करा दिया गया। कोटेदार अच्छेलाल ने बताया कि मुझे 39 बोरी चावल प्राप्त हुआ है जो मशीन में भी शेष बचा है। फिंगर लगाने के बाद भी जो लोग राशन नहीं पाए हैं उन्हें देने के लिए मेरे पास राशन नहीं है। जिनका फिंगर नहीं लगा है उनका फिंगर लगवाकर राशन दिया जा रहा है।
ग्रामीण मेराज,बेचन,रामहरी, मथुरा,बुधन,छोटई, आसमन,मुक्तार नाजिम, बिहारी यादव, सुनीता यादव,साबिदा,जब्बार खां, मिथिलेश, ठगई यादव आदि लोगों ने बताया कि कोटेदार ने हम लोगों से फिंगर लगवा लिया और राशन नहीं दिया। दुकान निलंबित होने के बाद भी फिंगर लगवाता रहा।
अब सवाल यह उठता है कि इस लाक डाउन जैसी विषम परिस्थितियों में गरीबों का राशन कहां गया? कोटेदार ने फिंगर लगवाकर राशन क्या किया? यदि गोदाम में उतना राशन उपलब्ध नहीं था तो उसके खिलाफ कोई दण्डातमक कार्रवाई क्यो नही की गई?