आठ वर्षीय मोहम्मद रेहान ने रखा पहला रोजा
नालासोपारा / मुंबई : रविवार को पहले रमजान के दिन नालासोपारा के जय हेरिटेज निवासी मोहम्मद रेहान ने महज 8 वर्ष की उम्र में लगभग 14 घंटा तक अपना पहला रोजा रखकर मुस्लिम समाज के लिए एक मिसाल पेश किया है । रमजान के पवित्र महीने में अल्लाह हर एक नेकी के बदले कई गुणा नेकियों का सवाब अता फरमाते हैं। रमजान के पहले दिन बड़ों के साथ-साथ मासूम बच्चों ने भी रोजा रखा और खुदा से प्रेम और इबादत के लिए दुआ की। रोजा रखने के लिए कोई उम्र नहीं होती।
रमजान माह में रोजेदार रोजा रखकर खुदा की इबादत करते हैं। इस नेक कार्य मे बच्चे भी पीछे नहीं हैं। क्षेत्र में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग रोजा रहते हुए बरकत के महीने में इबादत कर रहे हैं। खासकर ऐसे बच्चे अधिक उत्साहित हैं जो अपने जीवन में पहली बार रोजा रख रहे हैं। दिन भर रोजे में रहने के बाद मोहम्मद रेहान ने बताया कि पहले घर में बड़ों को रोजा रखते देखकर उन्हें भी रोजा रखने की इच्छा होती थी। शुरू में उन्हें लगता था कि दिन भर वे कैसे बिना खाए-पीए रह पाएंगे पर जब रविवार को वह रोजा रखा तो भूख का बिल्कुल अहसास नहीं हुआ। यह अल्लाह का करम है।
खजूर और शरबत से खोला रोजा रेहान ने बताया कि इफ्तार के समय घरवालों के साथ इफ्तार करना और सुबह में उठकर सेहरी करना अच्छा लगा है।