महराजगंज लॉकडाउन में फंसे लोग दुश्वारियों का किस कदर सामना कर रहे हैं, इसकी बानगी शुक्रवार को देखने को मिली। महराजगंज के ईंट-भट्ठे पर फंसे एक मजदूर की पत्नी की तबीयत अचानक खराब हो गई। वह 102 नम्बर पर फोन कर एंबुलेंस भेजने की गुहार लगाया।
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एंबुलेंस आने में देरी होती देख मजदूर दूसरे वाहन के इंतजाम का प्रयास शुरू किया, लेकिन लॉकडाउन के चलते कोई वाहन नहीं मिला। इससे बेबस मजदूर पत्नी को घोड़ा-गाड़ी पर बैठाकर परतावल सीएचसी पर पहुंचा। पर यहां भी उसे मायूसी मिली। सीएचसी पर महिला चिकित्सक नहीं थीं। इससे बेबस मजदूर पत्नी को घोड़ा-गाड़ी पर बैठाकर दूसरे डॉक्टर को ढूंढने के लिए निकल गया।
परतावल क्षेत्र के सिरसिया गांव निवासी जबीउल्लाह चौपरिया ईंट-भट्ठे पर काम करता है। शुक्रवार को उसकी पत्नी रूखसाना की तबीयत खराब हो गई। पत्नी को घोड़ा-गाड़ी से लेकर परतावल सीएचसी पर पहुंचे जबीउल्लाह ने बताया कि उसने 102 नम्बर पर एंबुलेंस के लिए फोन किया था, लेकिन एंबुलेंस आने में विलम्ब देख वह घोड़ा-गाड़ी से पत्नी को लेकर इलाज कराने के लिए निकल पड़ा। पर परतावल सीएचसी में महिला डॉक्टर मौजूद नहीं थीं। इस वजह से जबीउल्लाह अपनी पत्नी को घोड़ा-गाड़ी पर बैठाकर दूसरे डॉक्टर को ढूंढने के लिए चल पड़ा।