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बिहार में भी कांग्रेस के बिना लड़ेगा महागठबंधन? विवाद की जड़ बनी ये वजहें

बिहार में महागठबंधन के बीच सीट बंटवारें को लेकर खींचतान की स्थिति

बिहार में महागठबंधन के बीच सीट बंटवारें को लेकर खींचतान की स्थिति बनती दिख रही है। इस खींचतान का तनाव कांग्रेस के माथे पर भी दिखने लगा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में भी महागठबंधन के दल कांग्रेस के बिना मैदान में उतर सकते हैं। इनके मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा के अलावा जीतन राम मांझी का हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी और वामपंथी दल भी इस महागठबंधन में शामिल होंगे।हालांकि कांग्रेस ने उम्मीद जताई है कि बिहार में उसे सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी और उत्तर प्रदेश की तरह बर्ताव नहीं किया जाएगा। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह के मुताबिक बिहार में राष्ट्रीय जनता दल भले ही बड़े भाई की भूमिका में है मगर देश में एनडीए के खिलाफ राहुल गांधी ही चेहरा हैं।

राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि महागठबंधन में कोई समस्या नहीं है, बातचीत जारी और जल्द ही सबकुछ तय हो जाएगा। 

क्या यह मुद्दा है विवाद की जड़?

राजनीतिक पंडितों की मानें तो हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मिली सफलता से प्रभावित कांग्रेस 10 से कम सीटों पर राजी नहीं होगी। इसके अलावा गरीबों को दिए गए आरक्षण को लेकर दोनों पार्टियों का अलग-अलग रूख भी विवाद की वजह बन सकता है। राजद और कांग्रेस के अलग होने पर कांग्रेस सवर्ण मतदाताओं को यह दिखाने का प्रयास करेगी कि उसने राजद से नाता तोड़ लिया जबकि राजद अपने पारंपरिक वोट बैंक पर पकड़ मजबूत करेगी। 

राजद के मुताबिक दूसरे राज्यों में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने से बिहार में कांग्रेस की हालत नहीं सुधरी है। वहीं कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि राजद को यह याद रखना चाहिए कि पिछले लोकसभा चुनाव में उसने कितनी सीटें जीती थी, यह विधानसभा चुनाव नहीं है।

सूत्रों की मानें तो बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस कम से कम 16 सीटें मांग रही है और यह संकेत भी दे रही है कि कांग्रेस किसी भी हाल में 12 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी। यही वजह है कि राजद ने बिना कांग्रेस के गठबंधन के फॉर्मूले पर विचार करना शुरू कर दिया है।

कांग्रेस को अनंत सिंह पसंद है

अखिलेश प्रताप सिंह के मुताबिक मोकामा विधायक अनंत सिंह जितने भी मामलों में नामित है उनमें से किसी में भी उन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है। कांग्रेस पार्टी उन्हें मुंगेर से लोकसभा का टिकट देने को लेकर साकारात्मक विचार रखती है। बता दें कि बाहुबली विधायक अनंत सिंह का विधानसभा क्षेत्र मोकामा मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में आता है। अनंत सिंह ने यहां कुछ दिनों पहले एक रोड शो करके हर उम्मीदवार की जमानत जब्त कराने का एलान किया था।

इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि आपराधिक तत्वों के महागठबंधन का हिस्सा बनने से गलत संदेश जाएगा। इसके अलावा पूर्व राजद नेता पप्पू यादव और लवली आनंद के भी कांग्रेस में शामिल होने की खबर है।

रालोसपा सीटों तीन से कम सीटों के लिए तैयार नहीं जबकि जीतन राम मांझी भी तीन सीटें चाहते हैं। यही वजह है कि खरमास खत्म होने के बाद भी महागठबंधन के बीच सीटों का बटंवारा नहीं हो सका है।

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