रायपुर. ‘मैं जाति से ब्राह्मण और धर्म से हिंदू हूं. नाम मनीष मिश्रा है. बिहार के अररिया जिले का रहने वाला हूं. अब यहां छत्तीसगढ़ में मुझे तबलीगी जमात का सदस्य बता दिया गया. मैं मुसलमान तो हूं नहीं तो तबलीगी जमात से मेरा क्या लेना देना. हां दिल्ली जरूर गया था, लेकिन अपने साढ़ू भाई के घर, मरकज नहीं. कुछ काम था तो 16 मार्च को निजामुद्दीन स्टेशन से उत्कल एक्सप्रेस पकड़ कर छत्तीसगढ़ आ गया. अब क्वॉरंटाइन में हूं, रिपोर्ट निगेटिव है.’
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मोबाइल कॉल पर इतनी बात होने के बाद मनीष कहते हैं… और कुछ पूछना है. कुछ पूछने से पहले ही फिर खुद ही कहते हैं- ‘जवाब देते देते थक गया हूं, भाई. मैं तबलीगी जमात का सदस्य नहीं हूं.’ छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के उमेश पांडेय हों या फिर दुर्ग जिले के रहने वाले दीपक यादव इनका भी हाल यही है. इनको ही नहीं 108 ऐसे गैर मुस्लिम लोग हैं, जिन्हें छत्तीसगढ़ में निजामुद्दीन से लौटा तबलीगी जमात का सदस्य बता दिया गया.
52 की तलाशी का आदेश
छत्तीसगढ़ की बिलासपुर हाई कोर्ट की जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की पीठ ने बीते 9 अप्रैल को एक याचिका पर सुनवाई की. इसके बाद राज्य सरकार को दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज से छत्तीसगढ़ लौटने वाले तबलीगी जमात के 52 व्यक्तियों का पता लगाने के लिए ‘गहन तलाशी अभियान’ चलाने का आदेश दिया. कोर्ट ने ये आदेश याचिकाकर्ता की ओर से पेश किए गए आंकड़ों को आधार कर दिया.
याचिका में ये दलील
बिलासपुर हाई कोर्ट में कोविड-19 से संबंधित एक याचिका लगाई गई थी. इसमें याचिकाकर्ता की ओर से कथित रुप से निजामुद्दीन के तबलीगी जमात मरकज से छत्तीसगढ़ लौटे 159 लोगों की सूची पेश की गई. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि छत्तीसगढ़ लौटे 159 तबलीगी जमात के सदस्यों में से 107 व्यक्तियों की ही जांच की गई है, जिनमें से 87 की जांच रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई हैं. 23 लोगों की रिपोर्ट प्रतीक्षित है. जिन 52 लोगों का परीक्षण ही नहीं हुआ है, अगर वे कोविड-19 से संक्रमित हुए तो वे छत्तीसगढ़ राज्य में कोविड-19 को फैलाने का कारक बन सकते हैं.
108 गैर-मुस्लिम के नामों की सूची
याचिकाकर्ता के वकील गौतम खेत्रपाल ने न्यूज 18 को 159 नामों वाली एक सूची उपलब्ध कराई, जिसमें मोबाइल नंबर व पता भी है. इस सूची में मनीष मिश्रा, उमेश पांडेय, दीपक यादव समेत 108 गैर-मुस्लिम हैं. इसमें सीआरपीएफ के दो जवान भी हैं, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ में पदस्थ नहीं हैं. इतना ही नहीं सूची में शामिल मुस्लिम सदस्यों में शामिल मो. फारूख, सलीम खान ने भी न्यूज 18 से बातचीत में दावा किया कि वो इस्लाम धर्म के जरूर हैं, लेकिन उनका तबलगी जमात से कोई संबंध नहीं है. हालांकि वे 13 से 17 मार्च के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन के आसपास थे. वकील खेत्रपाल ने एक और सूची उपलब्ध कराई, जिसमें तबलीगी जमात से जुड़े 107 लोगों की जिलावार स्थिति का आंकड़ा था, लेकिन इसमें किसी का नाम या पता नहीं था. ऐसी ही एक सूची राज्य के सीएम भूपेश बघेल ने 6 अप्रैल को ट्वीट किया था.
सतर्कता और सावधानी से बड़ा कोई हथियार नहीं है।
हमने #COVID-19 पर समय रहते कार्रवाई की। लॉक-डाउन समय पर किया और उसे सख़्ती से लागू किया। उसी का नतीजा है कि हमारे सारे टेस्ट नेगेटिव मिल रहे हैं।
हम साथ मिलकर ही इस संकट से निपट सकते हैं।
सोशल मीडिया में शुरू हुआ तलाशी अभियान
हाई कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को दिए गए आदेश के बाद बीते गुरुवार को सोशल मीडिया पर उन 52 लोगों की तलाश को लेकर एक अभियान चलने लगा. कई लोगों ने राज्य सरकार को घेरा तो कुछ ने हिंसा के लिये उकसाने वाले पोस्ट भी शेयर कर दिए. कुछ लोगों ने कथित रूप से लापता तबलीगी जमात से जुड़े 52 लोगों के खुद सामने आने की अपील की
सीएम ने कहा- नहीं है कोई लापता
तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को लेकर राज्य सरकार से भ्रम की स्थिति स्पष्ट करने सोशल मीडिया में कई सवाल किए गए. इसके बाद 10 मार्च को राज्य सरकार के जनसम्पर्क विभाग की ओर से सीएम भूपेश बघेल का एक बयान जारी किया गया, जिसमें लिखा था- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि निजामुद्दीन मरकज से छत्तीसगढ़ लौटे तबलीगी जमात के लोगों में कोई भी मिसिंग नहीं है. वहां से 107 लोग वापस आए थे. उन सबकी पहचान कर ली गयी है. उन्हें क्वॉरंटाइन में रखा गया है तथा उनके सेम्पल ले लिए गए हैं. वे लोग जिनके सम्पर्क में आए थे ट्रेवल हिस्ट्री निकाली जा रही है.
सीएम भूपेश ने कहा कि आन्ध्रप्रदेश की एसआईबी ने मोबाइल टावर के डाटा के आधार पर 159 लोगों की सूची जारी कर दी थी, जो सही नहीं थी. इसमें से कुछ ऐसे लोगों के नाम भी शामिल थे, जो केवल वहां से गुजरे थे और उनके नाम दर्ज हो गए. ये लोग मरकज में नहीं गए थे. बाद में भारत सरकार से मरकज में गए लोगों की जानकारी ली गयी, जिनमें 107 लोग ही शामिल थे.
18 पॉजिटिव केस
राज्य सरकार द्वारा 10 अप्रैल की देर शाम जारी कोरोना बुलेटिन में बताया गया कि अब तक 3473 संदिग्ध लोगों के सैंपल की जांच की गई है. इनमें से 3322 की रिपोर्ट निगेटिव आई है. 133 की रिपोर्ट आनी बची है. 18 पॉजिटिव केस मिले हैं, जिनमें से 10 ठीक हो चुके हैं. 18 में से 1 तबलीगी जमात का सदस्य और 8 उससे संपर्क में आए लोग शामिल हैं
Source :- hindi.news18.com