Saturday, February 15, 2025
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लोकसभा चुनाव 2019: वीवीपैट पर्चियां बढ़ीं तो नतीजों में देरी होगी

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वीवीपैट की पर्चियों की गणना का वर्तमान तरीका सबसे अधिक उपयुक्त है। आयोग ने प्रति विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र से वीवीपैट की पर्चियों की गणना की प्रणाली को न्यायोचित ठहराते हुए कहा कि अगर यह संख्या बढ़ाई गई तो इससे नतीजे देरी से आएंगे।

आयोग ने कहा कि वह किसी भी ऐसे सुझाव पर विचार के लिए तैयार है जिससे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने में सुधार में मदद मिलती हो। आयोग ने कहा है कि लोकसभा संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र या प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों के सत्यापन के लिए गणना में लगने वाला समय करीब छह दिन बढ़ जाएगा। 

हलफनामे में कहा गया है कि कई विधानसभा क्षेत्रों में 400 से अधिक मतदान केंद्र हैं जिनके लिए वीवीपैट पर्चियों की गणना पूरी करने में करीब आठ-नौ दिन की जरूरत होगी। यही नहीं, बढ़ी हुई पर्चियों की गणना के लिए चुनाव अधिकारियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी और इसके लिए चुनाव कार्य में तैनात अधिकारियों की संख्या में भी वृद्धि करने की जरूरत पड़ेगी। इससे नतीजे देरी से आएंगे। 

आयोग ने यह भी कहा कि वर्तमान प्रणाली को आसन्न चुनाव में जारी रहने दिया जाए क्योंकि यह सबसे अधिक उपयुक्त पाई गई है। आयोग ने कहा कि सत्यापन के आकार में किसी भी तरह की वृद्धि से विश्वास स्तर पर बहुत ही मामूली फर्क पड़ेगा। विश्वास का वर्तमान स्तर 99.9936 प्रतिशत से अधिक है। शीर्ष अदालत के 25 मार्च के सवाल के उत्तर में निर्वाचन आयोग ने एक हलफनामा दाखिल किया है। कोर्ट जानना चाहता था कि क्या एक विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र से अकस्मात तरीके से लिए जाने वाले नमूना जांच की संख्या बढ़ाई जा सकती है। कोर्ट ने कहा था कि वह इस जांच को बढ़ाने के पक्ष में है।

आयोग ने इस संबंध में दाखिल हलफनामे में कहा कि इन याचिकाओं में आगामी चुनाव के मुद्दे उठाए गए हैं जिन पर निर्वाचन आयोग ने विचार किया, अध्ययन किया और निर्णय लिया। इसके बाद वर्तमान तरीके से आगामी चुनाव कराने के बारे में फैसला किया गया। आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों के नेताओं की याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें इस समय वर्तमान प्रणाली में बदलाव के लिए कोई वजह नहीं बताई गई है। विपक्षी नेता चाहते हैं कि अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में र्वोंटग मशीनों की कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गणना की जाए।

निर्वाचन आयोग इस समय विधानसभा चुनाव के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र से एक मतदान केंद्र और लोकसभा चुनाव के मामले में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मतदान केंद्र की वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से मिलान करता है।

Source :- www.livehindustan.com

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