महराजगंज : जिले में यूरिया का संकट गहराने से हाहाकार मच गया है। साधन सहकारी समितियां ड्राई हो चुकी हैं और किसान खाद के लिए गांव से लेकर शहर तक का चक्कर लगा रहे हैं पर खाद नहीं मिल रही है।
महराजगंज : जिले में यूरिया का संकट गहराने से हाहाकार मच गया है। साधन सहकारी समितियां ड्राई हो चुकी हैं और किसान खाद के लिए गांव से लेकर शहर तक का चक्कर लगा रहे हैं पर खाद नहीं मिल रही है। सात दिन बाद मंगलवार को दोपहर में शहर में स्थित इफको केंद्र पर यूरिया आई तो किसान उमड़ पड़े हालांकि 113 किसानों को ही यूरिया मिल सकी जबकि 400 से अधिक किसानों को निराश लौटना पड़ा। जिले में रवि विपणन वर्ष में पौने दो लाख हेक्टेअर खेत की बोआई हुई है। अच्छी पैदावार के लिए खेत की दो बार ¨सचाई होती है और दो बार यूरिया डाली जाती है।
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दो बार में 49000 एमटी यूरिया की व्यवस्था प्रशासन को करानी थी लेकिन प्रशासन अब तक 20000 एमटी की ही व्यवस्था करा सका। यही कारण है कि पहली ¨सचाई के समय बाद ही जिले में यूरिया का संकट उत्पन्न हुआ जो दूसरी ¨सचाई के बाद भी बरकरार है। किसानों को वर्तमान समय में 29000 एमटी यूरिया की जरूरत है पर दो दिनों में सिर्फ 800 एमटी यूरिया ही जिले में आई पर अब तक साधन सहकारी समितियों पर नहीं पहुंची। अगर सप्ताह भीतर मांग के अनुसार प्रशासन ने यूरिया की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं कराई तो पैदावार मारी जाएगी। उप कृषि निदेशक राजेश कुमार ने बताया कि गोरखपुर में यूरिया की रेक आ गई है। दो दिनों में 800 एमटी खाद जिले पर आई है। तीन दिन में शेष यूरिया भी आ जाएगी और किसानों को संकट से निजात मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि 45 किलो वाली बोरी यूरिया अब 266 रुपये में व 50 किलो वाली बोरी 295 रुपये में किसानों को मिलेगी। इससे अधिक कीमत लेने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Sources :- jagran.com