कांग्रेस दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
Delhi Lok Sabha elections: कांग्रेस दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसकी घोषणा करते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि रविवार तक टिकटों की घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब भी ‘आप’ से गठबंधन को तैयार है, लेकिन बात केवल दिल्ली में गठबंधन को लेकर होनी चाहिए।
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पीसी चाको ने कहा कि पार्टी के पास भाजपा को हराने के लिए अलग-अलग राज्यों में गठबंधन की नीति के तहत दिल्ली में ‘आप’ के साथ गठबंधन का सुझाव आया था। हालांकि, दिल्ली प्रदेश इकाई ने इस पर चिंता जताई थी, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर उन्होंने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस और ‘आप’ नेताओं से गठबंधन पर बात शुरू की। ‘आप’ से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह गठबंधन पर बात कर रहे थे।
चाको ने कहा कि दिल्ली में वर्ष 2017 में अंतिम चुनाव निगम का हुआ था। इसमें कांग्रेस को 31 सीटें तो ‘आप’ को 49 सीटें मिली थी। इस चुनाव में कांग्रेस को 21 फीसदी वोट मिले थे, जबकि ‘आप’ को 26 फीसदी मत मिले थे। निगम चुनाव में दोनों दलों को कुल 47 फीसदी मत प्राप्त हुए थे। वहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों में दोनों दलों को 47 फीसदी वोट मिले थे। इसमें कांग्रेस को 21 फीसदी और ‘आप’ को 26 फीसदी वोट मिले थे। इसके आधार पर सीट बंटवारे का फार्मूला तय किया था।.
इसके अनुरूप इस लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सात सीटों में से कांग्रेस को तीन सीटें तो ‘आप’ को सार सीट देने पर दोनों दलों के बीच सहमति बनी थी, लेकिन फिर ‘आप’ की तरफ से दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों में भी गठबंधन की मांग होने लगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली को छोड़कर अन्य राज्यों में पार्टी की स्थिति अलग है। ‘आप’ का गठबंधन को लेकर जो रुख था वह अव्यावहारिक था। इसलिए अब कांग्रेस ने सातों सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर विचार शुरू कर दिया है।
तीन सीटों की चिंता 33 की नहीं: राय
कांग्रेस की ओर से सिर्फ दिल्ली में गठबंधन की पेशकश पर ‘आप’ ने हमला बोला है। ‘आप’ प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस को तीन सीट की चिंता है, जबकि हम 33 सीटों पर भाजपा को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि ‘आप’ के साथ गठबंधन के दरवाजे खुले हैं, मगर बात सिर्फ दिल्ली पर होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चार सीटों पर उम्मीदवार तय किए है। अगर ‘आप’गठबंधन चाहती है तो सिर्फ दिल्ली को लेकर बात हो सकती है। इसपर ‘आप’ ने कांग्रेस की पेशकश को ठुकराते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ भाजपा को जिताने के लिए काम कर रही है।
राय ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस जींद उपचुनाव में अपने सबसे बड़े सिपहसालार को उतार चुकी थी। वहां वह तीसरे पायदान पर रहे थे, लेकिन वहां की 10 सीटों पर भी वह बातचीत को तैयार नहीं है। राय ने कहा कि कांग्रेस शहित में नहीं पार्टी हित के लिए चुनाव लड़ रही है। यही वजह है कि कांग्रेस गठबंधन पर फैसला ही नहीं ले पा रही।
Source :- www.livehindustan.com