दो हजार रुपये तक की ऑनलाइन शापिंग पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की सुविधा खत्म होगी। रिजर्व बैंक ने इसकी मंजूरी बैंकों को दे दी है। इसके अलावा आरबाई ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट भी पेश किया है। इसके जरिए 10 हजार रुपये तक की शॉपिंग की जा सकती है।
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अभी ऑनलाइन शापिंग या डेबिट व क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है। ओटीपी देने पर ही भुगतान की प्रक्रिया पूरी होती है। लेनदेन की इस पूरी प्रक्रिया में 3 से 5 मिनट का समय लगता है। ई-कॉमर्स कंपनियां और मोबाइल एप ट्रांजेक्शन में वन-टाइम-पासवर्ड (ओटीपी) की जरूरत को खत्म करने की मांग लंबे समय से कर रहे थे। उनकी मांग को आरबीआई ने स्वीकार तो कर लिया है साथ ही दो हजार रुपये की सीमा भी तय कर दी है। अब ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त फटाफट ट्रांजेक्शन कर पाएंगे। इससे ऊपर के लेनदेन के लिए ओटीपी की जरूरत पड़ेगी।
इसको खत्म करने के पीछे मुख्य वजह ट्रांजेक्शन (पैसों के लेन-देन) को तेज और सुविधाजनक बनाना है। यह नियम वहां लागू है जहां मर्चेंट कस्टमर को वैरिफाई कर सकता है। आरबीआई ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से नियमों में ढील देने की वजह से बिना ओटीपी के लेनदेन संभव हो पाया है। हालांकि छोटे भुगतान की सुरक्षा को लेकर भी आरबीआई ने बैंकों से हाईटेक तकनीक पर काम करने को कहा है। पिछले एक साल में साइबर फ्राड के मामलों में 40 फीसदी हिस्सेदारी दो हजार रुपये से छोटे भुगतान की है।
आरबीआई ने पेश किया पीपीआई
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नया प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) भी पेश किया है। इस पीपीआई से अधिकतम 10,000 रुपये की खरीदारी या अन्य सेवाओं के लिए भुगतान किया जा सकेगा। इस पीपीआई में सिर्फ बैंक एकाउंट से ही पैसे डाले जा सकेंगे। पीपीआई का उपयोग डिजिटल भुगतान में हो सकेगा, जिसमें बिल भुगतान, मर्चेंट भुगतान, आदि शामिल होंगे। आरबीआई ने इसकी घोषणा पिछले साल दिसंबर में की थी, जिसे अब लागू कर दिया है।
Source :- www.livehindustan.com