Saturday, January 18, 2025
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जौहरी से अब सिर्फ तीन तरह के कैरेट में ही खरीदें सोना, जानें क्यों

वाणिज्य मंत्रालय ने सोने की खरीद में धोखाधड़ी रोकने के लिए बीआईएस हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। हालांकि, आभूषण कारोबारियों को पुराने स्टॉक खत्म करने के लिए एक साल का समय दिया है। इस फैसले के बाद ज्वैलरी के लिए हॉलमार्किंग तीन श्रेणियों में की जाएगी, 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट। सर्राफा विशेषज्ञों का कहना है कि ग्राहकों के लिए यह बड़ा कदम है। वे आज से सिर्फ हॉलमार्क वाले गहने की ही मांग कर सकते हैं। इससे उनके साथ फर्जीवाड़ा होने की संभावना नहीं होगी। वहीं, सर्राफा कारोबारियों में बड़ा बदलाव होगा। गहने पर हॉलमार्किंग होने ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा जिससे मांग बढ़ेगी। 

आपको इस तरह मिलेगा फायदा 
सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग का मतलब होता है कि गहनों में कितना सोना लगा है और अन्य धातुओं का अनुपात का आधिकारिक रिकॉर्ड होता है। नए नियम के तहत हालमार्किंग में चार चीजें शामिल होंगी, जिनमें बीआईएस का मार्क, शुद्धता जैसे 22 कैरट, असेसिंग सेंटर की पहचान, आभूषण कारोबारी की पहचान का चिन्ह। विशेषज्ञों का कहना है कि हॉलमार्किंग करना अभी तक स्वैच्छिक था।  ऐसे में ग्राहकों को कई मौकों पर 22 कैरेट की बजाय 18 कैरेट का सोना बेच दिया जाता है, जबकि दाम उनसे अच्छी गुणवत्ता वाले सोने के वसूले जाते हैं। अब इस नियम के लागू हो जाने के बाद सभी ज्वैलर्स को इन्हें बेचने से पहले हॉलमार्किंग लेना अनिवार्य हो जाएगा। इससे धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी।

हॉलमार्क की जांच भी संभव 
अगर आप किसी ज्वैलरी के दुकान से सोने के गहने खरीदते हैं और उसके हॉलमार्किंग को लेकर शक है तो आप उसकी जांच कर सकते हैं।असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है। अगर आपको संदेह है तो आप पास के किसी हॉलमार्किंग सेंटर में जाकर ज्वेलरी की जांच करवा लें। देश भर में 892 हॉलमार्किंग सेंटर हैं।

सोना    शुद्धता
24 कैरेट    99.9%
22 कैरेट    91.6%
18 कैरेट    75%
14 कैरेट    58.5%

नियम नहीं मानने पर सजा
बिना हॉलमार्क के सोने के गहने व आभूषण 15 जनवरी, 2021 के बाद बेचने पर आभूषण कारोबारियों को बीआईएस कानून के तहत एक लाख रुपये तक या आभूषण की कीमत के पांच गुना तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही एक साल जेल की सजा भी हो सकती है। जुर्माने या सजा का फैसला अदालत करेगी। देश में 234 जिलों में 892 हॉल मार्किंग केंद्र बनाए गए हैं। ग्राहकों को अपने आभूषणों से संतुष्ट करने के लिए उपभोक्ता फोरम हेल्पलाइन बनाई गई है। 

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