महराजगंज, हेल्थकेयर
दबंग भारत न्यूज़ – जेई-एईएस जापानी इंसेफ्लाइटिस, एक्यूट इंसेफ्लाइटिसि सिन्ड्रोम से बचाव के लिए वैसे तो पूरे जिले में संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के तहत निरोधात्मक कार्यवाही एवं जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मगर इस मामले में उच्च जोखिम चिन्हित 37 गांवों में दिमागी बुखार से बचाव के लिए विशेष तौर पर निरोधात्मक कार्यवाही एवं जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। चिन्हित गांव में साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल, छिड़काव के साथ विभिन्न बिन्दुओं पर संतृप्त करने की कार्यवाही भी तेज कर दी गयी है।
वीबीडी कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि जेई एईस के मामले में सभी चिन्हित गांवों को विभिन्न बिन्दुओं पर संतृप्त कराना सरकार मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में है। ऐसे में उन सभी गांवों में साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कराने, खराब पड़े इंडिया मार्का हैंड पंप को ठीक कराने, कीटनाशक का छिड़काव कराने, फागिंग कराने, जेई टीकाकरण से वंचित बच्चों का टीकाकरण कराने, गांव में ज्वर रोगियों की पहचान करने और सुअरबाड़ों को विसंक्रमित कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
दो सप्ताह में कार्यवाही की स्थिति
जिला पंचायत राज अधिकारी कृष्ण बहादुर वर्मा ने बताया कि मार्च माह में संचारी रोग नियंत्रण माह एवं दस्तक पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इसके तहत जिले में निरोधात्मक कार्यवाही एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। दो सप्ताह के अंदर सभी 882 ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मियों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गयी, 492 ग्राम पंचायतों में बैठकें हो चुकी हैं, 79 इंडिया मार्का हैंडपंपों की मरम्मत करायी गयी। क्षतिग्रस्त 30 चबूतरों की मरम्मत करायी गयी, 1747 उथले हैंडपंप पर लाल निशान लगाए गए। जबकि दो सप्ताह के अंदर 47 शौचालयों का निर्माण कराया गया है।
147 सुअरबाड़ों को किया गया विसंक्रमित
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि जिले के 132 गांव में 337 सुअरबाड़े हैं। इसमें 147 सुअरबाड़ों के आसपास छिड़काव एवं अन्य निरोधात्मक कार्यवाही की गयी है। जेई-एईएस के मामले में सुअर पालकों को जागरूक किया गया। कुल 166 सुअर के सीरम की जांच करायी गयी।
जेई एईएस के मामले में चिह्नित उच्च जोखिम गांव
जिला मलेरिया अधिकारी त्रिभुवन चौधरी ने बताया कि जेई एईएस के मामले में जो 37 गांव चिह्नित हैं उनमें बहदुरी, कोल्हुई, धानी, लक्ष्मीपुर, घुघली, पुरैना, बैरवां चंदनपुर, हथियागढ़, जंगल गुलरिहा, बागापार, बैकुंठपुर, बीट नर्सरी, चेहरी, धनेवा, करमहा, खुटहा, नटवा, पकड़ी नौनिया, बरगदही बसंतनाथ, बौलिया राजा, हरखोड़ा, मोहनापुर, पनेवा पनेई, परसामीर, डोमा, जयश्री, निचलौल, शीतलापुर, खैचा, पनियरा, बरियारपुर, चौपरिया, परतावल बाजार, श्यामदेउरवा, बेलवा, खेसरारी तथा सिसवा बाजार शामिल हैं।