50 लाख वित्तविहीन शिक्षकों की स्थिति इस समय प्रवासी मजदूरों से भी खराब
महराजगंज : वर्तमान सरकार शिक्षक व कर्मचारी विरोधी है। शिक्षक समुदाय शिथिल हुआ तो इस प्रदेश में भी शिक्षा व्यवस्था बिगड़ जाएगी। सरकार द्वारा शिक्षा का अल्पीकरण कर छात्र -छात्राओं और शिक्षकों को अपमानित करने का काम किया जा रहा है। पहले इंटर साइंस में 12 पेपर होते थे अब पांच। पहले बोर्ड फीस सौ रुपये थे , अब पांच सौ और छःसौ रुपये । इस वर्ष शिक्षा मंत्री नेकोर्स में तीस प्रतिशत की कटौती कर दी।
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जिससे इन बच्चों को अभिभावक व अध्यापक कम्पटीशन में कहाँ खड़ा करेंगे। कोर्स व प्रश्नपत्रों की कमी अध्यापकों के पेट पर लाठी मारना भी हैं। इस महामारी में भी सरकार बोर्ड फीस में रियायत न कर अभिभावकों का शोषण कर रही हैं। उक्त बातें शिक्षकों को सरकार के रवैए के बारे में जानकारी देते हुए इंटर कालेज लक्ष्मीपुर देउरवा,मौलागंज,सोहास,पनियरा,जड़ार,गंगराई,भैंसा,सौरहा,मंसूरगंज आदि विद्यालयों के शिक्षकों से शिष्टाचार मुलाकात के दौरान शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि 50लाख वित्तविहीन शिक्षकों की स्थिति इस समय प्रवासी मजदूरों से भी खराब है। मैं मुख्यमंत्री से इन वित्तविहीन शिक्षकों के घर में भी एक दिया जलाने की मांग कर रहा हूं। सरकार विधानपरिषद की सीट पर अन्य प्रदेशों की भांति शिक्षक संगठनों को तोड़कर अपने प्रत्याशी को विजई बनाने में लगी है।
आजादी के सत्तर वर्ष बीत गए,अब इस तरह लोकतंत्र शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों को हासिए पर खड़ा कर उनका सोशण कर रही हैं। लेकिन शिक्षक समुदाय एकजुट है। अपना हित समझता है। आप सभी अहंकारी सरकार के प्रत्याशी का जमानत जब्त करें।शिक्षक और कर्मचारियों के पेंशन बहाली के लिए 2022 करो या मरो का वर्ष होगा।
इस दौरान शर्मा गुट के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्रीराम सिंह, जिलाध्यक्ष अशोक कुमार राय,मंत्री विजय प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री दीपचंद त्रिपाठी,सुरेश प्रताप सिंह, युगुल मिश्र,रमेश चंद यादव, प्रेम नारायण मणि, नित्यानंद मणि त्रिपाठी, विजय शंकर पांडेय,एस के शुक्ल आदि शिक्षक मौजूद रहे।