मानवाधिकार आयोग की टीम ने एनएच 730 के चौड़ीकरण में मकान ध्वस्तीकरण की जांच शुरू कर दी है।
महराजगंज। मानवाधिकार आयोग की टीम ने एनएच 730 के चौड़ीकरण में मकान ध्वस्तीकरण की जांच शुरू कर दी है। आयोग से आए जांच अधिकारियों ने शिकायतकर्ताओं का बयान लेकर मकान गिराने का स्थल भी देखा। जांच टीम शुक्रवार तक जिले में रहकर सड़क चौड़ीकरण, मकान ध्वस्तीकरण व अन्य बिंदुओं पर जांच करेगी। एनएच 730 के फरेंदा-महराजगंज के रामनगर से सिसवा बाबू तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है।
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- आग लगने से 50 एकड़ से अधिक फसल जल कर राख
इसमें कुछ मकानों को सड़क में पड़ने का हवाल देकर जेसीबी से गिरा दिया गया था। इसमें सक्सेना चौक पर स्थित आवास विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सुशील टिबड़ेवाल का मकान भी ध्वस्त करा दिया गया। मकान गिरने के बाद सुशील टिबड़ेवाल के पुत्र मनोज कुमार टिबड़ेवाल ने जिला प्रशासन पर मनमानी करने व मानवाधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगाकर इसकी शिकायत मनावाधिकार आयोग में कर दी। आरोप लगाया था कि उन्हें बिना नोटिस दिए पहले लगे पांच फिट के निशान से अधिक निजी मकान को मनमाने तरीके से गिराया गया। अपर जिलाधिकारी व पुलिस प्रशासन ने सामान निकालने तक का समय नहीं दिया, जिससे दुकान में रखी दवाएं व जरूरी सामान नष्ट हो गए।
मकान गिरा देने से परिवार के बिजली, पानी, शौचालय बंद हो गया। रात भर परिवार के लोग खुले आसमान के नीचे रहे।इसके क्रम में मामले की जांच करने सोमवार रात को मानवाधिकारी आयोग की टीम जिले में पहुंची। मंगलवार से जांच टीम के अधिकारी मनोज धारिया व कुलवानी सिंह ने जांच-पड़ताल शुरू की। धनेवा स्थित डाक बंगले पर अधिकारियों से जरूरी पूछताछ की। शाम करीब चार बजे मनोज टिबड़ेवाल के मकान पर पहुंचे। वहां पीड़ितों ने जमीन से संबंधित कागजात दिखाया। घटना की पूरी जानकारी दी। पहले दिन की जांच में मनोज की मां, छोटे भाई की पत्नी, उनके पिता व अन्य का बयान लिया। जांच टीम जिले के अफसरों, एनएच के अफसरों, ठेकेदार, ड्यूटी में मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों का भी बयान लेगी।
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