रामनवमी (Ram Navami 2020) हिन्दू धर्म का एक पावन पर्व है। यह त्योहार भगवान श्रीराम को समर्पित है।
रामनवमी (Ram Navami 2020) हिन्दू धर्म का एक पावन पर्व है। यह त्योहार भगवान श्रीराम को समर्पित है। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्त्म श्रीराम का जन्म हुआ था। इसलिए रामनवमी के दिन भगवान राम की विशेष पूजा-अर्चना होती है। इस बार राम नवमी तिथि कब है? रामनवमी का मुहूर्त कब है और इसकी पूजा विधि क्या है। आइए जानते हैं इन सभी सवालों का जवाब यहां
- अवैध तमंचा के साथ युवक गिरफ्तार , पुलिस ने भेजा जेल
- अधिकारियों ने संवेदनशील छठ घाट का निरीक्षण कर दिया आवश्यक दिशा निर्देश
- दंगा नियंत्रण अभियान में जुटी सात थानो की पुलिस
- दीपावली और छठ पर्व को लेकर आज सोनौली बार्डर पर पुलिसकर्मियों ने किया फ्लैग मार्च
- गैरुल निशा कॉलेज में सड़क सुरक्षा जागरूकता
रामनवमी (Ram Navami 2020 Date) कब है?
रामनवमी का पर्व प्रति वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पड़ता है। इस वर्ष यह तिथि 2 अप्रैल को पड़ रही है। इसलिए राम नवमी 2 अप्रैल को है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार त्रेतायुग में इसी तिथि के दिन अयोध्या में राजा दशरथ और माता कौशल्या के यहां भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। भगवान श्रीराम विष्णु जी के ही अवतार हैं।
रामनवमी 2020 पूजा मुहूर्त
2 अप्रैल, गुरुवार सुबह 11:10 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक
नवमी तिथि आरंभ – 03:39 (2 अप्रैल 2020)
नवमी तिथि समाप्त – 02:42 (3 अप्रैल 2020)
कैसे मनायी जाता है राम नवमी
रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की उपासना की जाती है। श्रीराम की मूर्तियों को गंगा जल से स्नान कराया जाता है। उनकी मूर्ति को पालने में झुलाया जाता है। इस दिन भक्त रामायण का पाठ करते हैं। साथ ही भक्त उनके स्मरण में रामरक्षा स्तोत्र का भी पाठ करते हैं। इस दिन राम मंदिर में भगवान श्रीराम के भजन-कीर्तन गाये जाते हैं। भक्त झांकियां भी निकालते हैं। लोग उनकी आराधना व्रत-उपवास करते हैं।
रामनवमी की व्रत विधि
- रामनवमी के दिन सुबह जल्दी उठें।
- स्नान कर स्वच्छ कपड़े धारण करें।
- अब पूजा स्थल पर पूजन सामग्री के साथ बैठें।
- पूजा में तुलसी पत्ता और कमल का फूल अवश्य होना चाहिए।
- उसके बाद श्रीराम नवमी की पूजा षोडशोपचार करें।
- खीर और फल-मूल को प्रसाद के रूप में तैयार करें।
- पूजा के बाद घर की सबसे छोटी महिला सभी लोगों के माथे पर तिलक लगाएं।