Tuesday, January 14, 2025
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बसंत पंचमी विशेष: जानें क्या है इस दिन का महत्व, क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा

बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती का दिन होता है, इसीलिए आज के दिन मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है

बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती का दिन होता है, इसीलिए आज के दिन मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन सुबह उठकर स्नान कर मां सरस्वती की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में तरक्की के बंद द्वार खुल जाते हैं. सरस्वती मां को ज्ञान, कला और संगीत की देवी कहा जाता है. कहा जाता है कि बसंत ऋतु में प्रकृति की ही तरह शरीर में भी कई तरह के परिवर्तन होते हैं, इसलिए बसंत ऋतु को प्यार, समर्पण और खुशियों का मौसम माना जाता है. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान बढ़ता है. क्योंकि मां सरस्वती संगीत के साथ ही वाणी और ज्ञान की देवी भी हैं.

बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा महत्व-
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि जिन भी लोगों के भाग्य में शिक्षा और बुद्धि का योग नहीं है, या जिनके भी शिक्षा के मार्ग में रुकावट आ रही है, उनके इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से सभी तरह की कठिनाइयां दूर होती हैं. इस दिन श्रद्धालू मां सरस्वती से पूजा करते वक्त कामना करते हैं कि माता सरस्वती उन्हें सद्बुद्धि दें और उन्हें अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाएं. बता दें बसंत पंचमी का पर्व सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मनाया जाता है. भारत में परंपरा है कि आज के दिन बच्चों के माता-पिता उन्हें पहला शब्द लिखाकर उनकी शिक्षा का आगाज करते हैं.

बसंत पंचमी पर पीले रंग का महत्व-
बसंत पंचमी पर पीले रंग का खास महत्व होता है. दरअसल, बसंत ऋतु में सरसों की फसल से पूरी धरती पीली दिखाई देती है, वहीं सूर्य के उत्तरायण के चलते भी इस दिन पीले रंग का महत्व बढ़ जाता है. बता दें बसंत पंचमी पर पीले रंग के कपड़ों के अलावा पीले रंग के खाने और पतंग उड़ाने का भी काफी महत्व है.

पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करते वक्त पीले या फिर सफेद कपड़े पहनने चाहिए.
ध्यान रहे कि काले और लाल कपड़े पहनकर मां सरस्वती की पूजा ना करें.
वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके करनी चाहिए. 
मान्यता है कि मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले फूल बेहद पंसद है इसलिए उनकी पूजा के वक्त इन्हीं का इस्तेमाल करें.
पूजा के दौरान प्रसाद में दही, लावा, मीठी खीर अर्पित करनी चाहिए.
पूजा के दौरान माँ सरस्वती के मूल मंत्र “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” का जाप करें.

पूजा के दौरान करें इस मंत्र का जाप
इस दिन विशेष रूप से लोगों को अपने घर में सरस्वती यंत्र स्थापित करना चाहिये, और मां सरस्वती के इस विशेष मंत्र का 108 बार जप करना चाहिये. मंत्र – ‘ऊँ ऐं महासरस्वत्यै नमः’ होली का आरंभ भी बसंत पंचमी से ही होता है. इस दिन पहली बार गुलाल उड़ाते हैं और बसंती वस्त्र धारण कर नवीन उत्साह और प्रसन्नता के साथ अनेक प्रकार के मनोविनोद करते हैं. ब्रज में भी बसंत के दिन से होली का उत्सव शुरू हो जाता है.

Sources :- zeenews.india.com

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