भाजपा के घोषणापत्र में ‘राष्ट्र सर्वप्रथम’ की बात लिखी गई है।
भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। भाजपा के घोषणापत्र में ‘राष्ट्र सर्वप्रथम’ की बात लिखी गई है। घोषणापत्र के पेज नंबर 12 पर राष्ट्र सर्वप्रथम के तहत पार्टी ने आतंकवाद पर सुरक्षा नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा, सैनिकों के कल्याण, पुलिस बलों का आधुनिकीकरण, घुसपैठियों की समस्या एवं जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को लेकर वादे किए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं भाजपा ने अपने घोषणापत्र में इन चीजों को लेकर क्या कहा है?
- सुबह गश्त के साथ स्वच्छता का भी अलख जगा रही भिटौली पुलिस
- भ्रष्टाचार में डूबी विकास की नींव, टैक्सी स्टैंड निर्माण में लगा रहे दोयम ईंट
- शिक्षक अभिभावक संवाद में मेधावीयों को सम्मानित किया गया
- इंडियन कोचिंग सेंटर में छात्र- छात्राओं को दी गईभाव पूर्ण विदाई
- रंगारंग कार्यक्रमों के बीच सांसद खेल स्पर्धा का विधायक ने किया उद्घाटन
आतंकवाद पर सुरक्षा नीति
भाजपा का कहना है कि हमारी सुरक्षा नीति केवल हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा विपषयों द्वारा निर्देशित होगी। पार्टी ने यहां हाल ही में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का जिक्र किया है। इसके अलावा आतंकवाद को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीती की बात कही गई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा
भाजपा ने घोषणा पत्र में सुरक्षा बलों को सुदृढ़ बनाने की बात कही है। पार्टी ने कहा कि वह सत्ता में आई तो रक्षा से जुड़े बाकी उपकरणों एवं हथियारों की खरीद को तेज किए जाएगा।
सैनिकों के कल्याण
भाजपा का कहना है कि हमारी सरकार ने लंबे वक्त से लंबित ‘वन रैंक वन पेंशन’ को लागू कर सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के हितों के प्रति अपने संकल्प को प्रतिबद्धता से पूरा किया है। हम इसी संकल्प पर आगे बढ़ेंगे। सशस्त्र बल के सैनिकों के सेवानिवृत्त होने से तीन साल पहले ही उनकी पसंद के अनुसार उनके पुनर्वास की योजना आरंभ कर देंगे।
पुलिस बलों का आधुनिकीकरण
भाजपा ने घोषणापत्र में पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के संकल्प को दोहराया है। पार्टी का कहना है कि वह पुलिस बलों की कार्य क्षमता एवं दक्षता में वृद्धि करेगी। राज्यों के पुलिस आधुनिकीकरण के लिए पुनरीक्षित योजना के अंतर्गत सहायता मुहैया कराएंगे।
जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370
भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में अनुच्छेद 370 को लेकर अपना पुरा वादा दोहराया है। पार्टी का कहना है कि हम जनसंघ के समय से अनुच्छेद 370 के बारे में अपने दृष्टिकोण को दोहराते हैं।
Source :- www.amarujala.com