शनिवार को जिले ने 30 साल की उम्र पूरी कर ली। इस अवसर पर भगवान बुद्ध की क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु से लेकर जिला मुख्यालय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने 30 साल में तय की गई तरक्की के सफर का बखान कर आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की बात कही।
29 दिसंबर 1988 को बस्ती से काट कर सिद्धार्थनगर जिला को वजूद में तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी लाए थे। तब से लेकर आज तक जिले के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम होते रहते हैं। हर साल धूमधड़ाका होता था पर इस बार मामला भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं, स्तूप पूजन, भंतों के बीच कंबल वितरण व विभिन्न योजनाओं के पात्रों के बीच प्रमाणपत्र वितरण तक ही सीमित हो कर रह गया। शनिवार की सुबह सबसे पहले शहर के सांडी तिराहा पर राजकुमार सिद्धार्थ की प्रतिमा पर सांसद जगदंबिका पाल, सदर विधायक श्यामधनी राही, विधायक डॉ. सतीश द्विवेदी, डीएम कुणाल सिल्कू, एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह आदि ने माल्यार्पण किया। इसके बाद शहर के ही सिद्धार्थ तिराहा पर सिद्धार्थ व बर्डपुर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्पअर्पित करते हुए भगवान बुद्ध की क्रीड़ा स्थली कपिलवस्तु पहुंच गए। कपिलवस्तु में स्तूप व भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर फूल चढ़ाने के बाद स्तूप की जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अमले के साथ भंतेगणों ने परिक्रमा की। परिक्रमा के बाद भंतेगणों के बीच कंबल का वितरण किया गया। सदर तहसील परिसर में विभिन्न योजनाओं के पात्रों के बीच प्रमाणपत्रों का वितरिण ार सांसद जगदंबिका पाल, सदर विधायक श्यामधनी राही, विधायक डॉ. सतीश द्विवेदी, डीएम
Sources :- livehinduatan.com