Tuesday, December 3, 2024
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पुराने गीतों का रीमिक्स बनाना रूह खत्म करने जैसा : अलका याग्निक

रीमिक्स बनाये जाने के सख्त खिलाफ हैं मशहूर पार्श्व गायिका अलका याग्निक।

पुराने सुरमयी गीतों को नये संगीत के साथ तोड़ मरोड़ कर रीमिक्स बनाये जाने के सख्त खिलाफ हैं मशहूर पार्श्व गायिका अलका याग्निक। 11 जनवरी को गोरखपुर महोत्सव की पहली शाम अलका याग्निक के सुरों से रोशन होगी। ‘हिन्दुस्तान’ से खास बातचीत में अलका याग्निक ने साफ कहा कि मैं जिस प्रकार के गीतों से पहचानी जाती हूं, उसी प्रकार के गीतों से गोरखपुर की जनता का भरपूर मनोरंजन करूंगी।

अलका याग्निक के सुरों से सजेगी गोरखपुर महोत्सव में आज की शाम, ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में उन्होंने गीत-संगीत के मौजूदा दौर पर रखी राय

उन्होंने कहा कि पुराने यादगार गीतों का रीमिक्स बनाकर लोगों को नचाया तो जा सकता है लेकिन इससे उन सदाबहार गीतों की रूह मर जाती है। पुराने दौर के गीतों में आत्मा होती थी, एक रुहानी बात होती थी जो संगीत प्रेमियों को अपने साथ जोड़े रखती थी। लेकिन वर्तमान दौर के संगीत में कुछ गीतों को अगर छोड़ दिया जाये तो उनमें रुहानियत महसूस नहीं होती इसीलिए पुराने दौर के गीत आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े रहते हैं और नये दौर के गीत कुछ समय के बाद संगीत प्रेमियों की स्मृतियों से ओझल हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि एक लम्बा सफर तय करने के बाद पीछे मुड़ कर देखती हूं तो संगीत जगत में एक बड़ा बदलाव तकनीक के रूप में नजर आता है। तकनीक से गीतकार, संगीतकार और गायक सभी को बहुत सहूलियत हुई है। अलका याग्निक ने कहा कि भले ही गोरखपुर पहली बार आ रही हूं लेकिन जानती हूं कि गोरखपुरवासी संगीत की अच्छी समझ रखते हैं। हर शहर का अपना मिजाज होता है। गोरखपुर के संगीतप्रेमियों का मिजाज देखने के लिए  उत्साहित हूं।

बस फोकस बनाये रखें युवा

अलका याग्निक ने नए गायकों से कहा कि बालीवुड हो या कोई अन्य क्षेत्र कामयाबी एक रात मे नहीं मिलती। कामयाबी मिले या न मिले लेकिन लक्ष्य पर नजर बनाए रखें। रियाज में कमी न आने दें। अगर लक्ष्य एक रहेगा और प्रयास जारी रहेगा तो सफलता जरूर मिलेगी। अलका याग्निक ने कहा कि आज कल के युवाओं में व्याकुलता और भटकाव है। इस पर नियंत्रण जरूरी है।

दीदी के गाने सुकूनदेह

अलका याग्निक जितना अच्छा गाती हैं उतनी ही अच्छी श्रोता भी हैं। उन्होंने कहा कि लता दीदी के गाने मुझे हमेशा से अच्छे लगते हैं। यू तो उस दौर के सभी गाने दिल को सुकून पहुंचाते है, लेकिन दीदी की आवाज की बात ही और है। जब भी फ्री होती हूं लता दीदी के गाने सुनना पसंद करती हूं।

अच्छा और बुरा प्रभाव एक साथ

इन दिनों रियलिटी शो का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। अलका याग्निक कहती हैं कि रियलिटी शो से संगीत की दुनिया और युवा संगीतकारों पर अच्छा और बुरा दोनों प्रभाव एक साथ पड़ता है। इससे एक तरफ नई प्रतिभाओं को प्रदर्शन के लिए मंच मिल जाता है जो हमारे दौर में नहीं था। वहीं रियलिटी शो के जरिये युवा गायक एक रात में ही स्टार बन जाता है और सफलता बरकरार नहीं रख पाता है तो जल्द ही हताश भी हो जाता है। रियलिटी शो में हजारों लोग आते हैं लेकिन कामयाबी हर किसी को नहीं मिल पाती है। ऐसे में रियलिटी शो से प्रसिद्धि पाने वाले गायक जब स्थापित नहीं हो पाते हैं तो निराश हो जाते हैं। 

Source :- https://www.livehindustan.com

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