Sunday, March 23, 2025
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DNA बिल लोकसभा में पास, सरकार ने कहा- देश के हर व्यक्ति का प्रोफाइल इक्ट्ठा करने की योजना नहीं

डीएनए प्रोफाइलिंग के जरिये पहचान स्थापित करने तथा इसका दुरुपयोग रोकने और राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर सुरक्षित एवं व्यवस्थित डीएनए डाटा बैंक बनाने के प्रावधान वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डीएनए प्रौद्योगिकी (प्रयोग और लागू होना) विनियमन विधेयक, 2018 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विधेयक डेढ़ दशक की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया है। इसके लिए 2011 में विशेषज्ञों की एक समिति भी बनाई गई थी जिसने दो साल तक इस पर गहन विचार-विमर्श किया। विधेयक के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए समिति की दो साल तक कई महत्वपूर्ण बैठकें हुई हैं। 

1- हर्षवर्धन ने कहा कि विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा डीएनए डाटा के दुरुपयोग संबंधी आशंकाओं को खारिज किया तथा सदन को आश्वस्त किया कि इसमें सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त किये गये हैं। साथ ही उन्होंने विधेयक पेश करते समय यह भी कहा कि देश के हर व्यक्ति का डीएनए प्रोफाइल एकत्र करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि डीएनए प्रोफाइल डाटा पूरी तरह से संरक्षित और सुरक्षित रखने के प्रावधान किए गए हैं और इसके लिए राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय स्तर पर डाटा बैंक बनाने की व्यवस्था की गई है। डाटा बैंक की सूचनाओं, सुरक्षा, संरक्षण और इसके इस्तेमाल के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों का पालन किया गया है। 

2- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, नोर्वे, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश समेत दुनिया के 60 देशों में डीएनए प्रोफाइलिंग और डाटा बैंक के लिए कानून हैं। इससे गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा सीबीआई और एनआईए जैसी एजेंसियां लाभांवित होंगी। 

3- विधेयक पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुये कांग्रेस के शशि थरूर ने इसे महत्वपूर्ण बताया, लेकिन कहा इसे पहले लाया जाना चाहिए था। उन्होंने विधेयक को कमजोर करार दिया और सरकार से इसे वापस लेने की मांग करते हुये कहा कि विधेयक को और मजबूत बनाने के लिए स्थायी समिति को सौंपा जाना चाहिए।

4- कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा, डीएनए डाटा बैंक के लिए 20 करोड़ की राशि आवंटित करने को बहुत कम बताया और कहा कि जब ब्रिटेन में डीएनए बैंक बनाने के लिए 3,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाती है तो इसे महज 20 करोड़ रुपये की राशि में कैसे तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक के बाद एक विधेयक लाकर बिना बुनियाद के भवनों का बनाने जैसा काम कर रही है। थरूर ने आशंका जतायी कि डीएनए डाटा बैंक का अतिक्रमण किया जा सकता है। उन्होंने सवाल किया जब एक लापता व्यक्ति को सात साल बाद गुमशुदा घोषित किया जाता है तो व्यक्ति के डाटा बैंक को सरकार लम्बे समय तक कैसे रख सकती है। उन्होंने कहा कि विधेयक में निजता के अधिकार को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता इसलिए सरकार को इसे वापस लेना चाहिए।

5- बीजेपी के डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि डीएनए विश्व का भविष्य है। उन्होंने विधेयक में स्वास्थ्य मंत्रालय को शामिल करने का आग्रह किया और कहा कि डीएनए डाटा बैंक का प्रमुख किसी नौकरशाह को नहीं बल्कि डीएनए के जानकार को बनाया जाना चाहिए। उन्होंने भी कहा कि डीएनए डाटा बैंक निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि को बहुत कम बताया और कहा कि इसे बढ़ाया जाना चाहिए।

6- तृणमूल कांग्रेस के कल्याण वनर्जी ने कहा कि हमारे बीच असुरक्षा का भाव ज्यादा है, इसलिए सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा “मैं असुरक्षित हूँ, यह भावना देशवासियों के भीतर से हटायी जानी चाहिये और इसके लिए विधेयक में डीएनए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने चाहिये। उनका कहना था कि व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध उसका डीएनए नहीं लिया जाये इस तरह के निजी अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि डीएनए जब 18 साल से कम उम्र के किशोर का लिया जायेगा तो यह 18 साल से कम कम उम्र के बच्चों को संरक्षण देने वाले कानून का उल्लंघन होगा।

7- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पी.के.बीजू ने भी डीएनए बैंक के निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि को बहुत कम बताया और कहा कि निजता के अधिकार का हनन नहीं होना चाहिये। तेलंगाना राष्ट्र समिति के डॉ.बी.एन.गौड़ ने कहा कि डीएनए का इस्तेमाल सिर्फ अपराधियों की पहचान के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक मामलों के लिए भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विधेयक में और स्पष्टता लायी जानी चाहिये।

8-आरएसपी के एन.के. प्रेमचंद्रन ने कहा कि जब डाटा को सुरक्षित करने के लिए देश में कोई कानून नहीं है तो डीएनए को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। जनता दल (यू) के कौशलेंद्र कुमार ने विधेयक का समर्थन किया और कहा कि इसको लाने में देर नहीं होनी चाहिये थी। सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के पी.डी. राय ने कहा कि लोगों के डाटा सुरक्षित रखने के लिए व्यापक व्यवस्था आवश्यक है।

Sources :- livehindustan.com

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