एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में सरकार मध्य वर्ग को खुश करने के लिए आयकर में बड़े बदलाव कर सकती है।
एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में सरकार मध्य वर्ग को खुश करने के लिए आयकर में बड़े बदलाव कर सकती है। इसके तहत मौजूदा समय में दिए जा रहे 10 से ज्यादा डिडक्शन की संख्या को कम कर आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। इस कदम से न सिर्फ करदाताओं को बचत का आसान मौका मिलेगा, बल्कि उनके लिए रिटर्न दाखिल करना भी सरल हो जाएगा और उन्हें सीए के चक्कर नहीं लगाने होंगे। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मौजूदा समय में आयकर कानून की धारा 80 की कई उपधाराओं के तहत 10 से भी ज्यादा तरह की निवेश छूट दी जा रही है। आम करदाता इन सभी उपधाराओं से मिलने वाली छूट को नहीं जानते हैं।
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ऐसे में जो करदाता अपनी टैक्स छूट प्लानिंग किसी सीए से कराते हैं, उन्हें तो इसका पूरा लाभ मिल जाता है। शेष करदाता इससे वंचित रह जाते हैं। इसके अलावा अभी सरकार का जोर आयकर रिटर्न फॉर्म के सरलीकरण पर है। लिहाजा इस तरह के प्रस्ताव पर अमल किया जा सकता है कि डिडक्शन की संख्या को घटाकर सीधी आयकर छूट बढ़ाई जा सके।
80 सी पर हो सकता है जोर
सरकार आम करदाताओं की सहूलियत के लिए आयकर धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट का दायरा बढ़ा सकती है। अधिकतर करदाता तो 80सी में मिलने वाली डेढ़ लाख की छूट को ही जानते हैं। इनमें से कुछ को 80डी में 50 हजार के स्वास्थ्य बीमा और 80 सीसीडी में 50 हजार के एनपीएस की ही जानकारी है।
एक आम करदाता इसी हिसाब से अपने बचत की तैयारी करता है। प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ अधिकारियों की बैठक में भी इस पर सकारात्मक संकेत मिल चुके हैं।
बजट में इस तरह की घोषणा आम करदाताओं के लिए अच्छी होगी, क्योंकि उसे यह नहीं पता कि किसी सक्षम संगठन में दान पर भी आयकर छूट मिलती है। इसके अलावा इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, मेडिकल ट्रीटमेंट या आश्रित दिव्यांगों की देखभाल पर हुए खर्च पर भी आयकर छूट का लाभ ले सकते हैं।-मुकेश सिंह कुशवाहा, आईसीएआई के प्रोफेशनल डेवलपमेंट कमेटी के सदस्य
ये हैं मौजूदा प्रमुख डिडक्शन
- 80सी निवेश पर छूट
- 80सीसीडी एनपीएस
- 80डी स्वास्थ्य बीमा
- 80डीडी आश्रित के इलाज पर
- 80ई उच्च शिक्षा ऋण का ब्याज
- 80ईई मकान ऋण का ब्याज
- 80जी दान
- 80टीटीए बचत खाते पर ब्याज