गन्ना आपूर्ति के लिए सप्लाई टिकट(पर्ची) जारी करने का कार्य 38 वर्ष बाद फिर गन्ना विभाग करेगा।
गन्ना आपूर्ति के लिए सप्लाई टिकट(पर्ची) जारी करने का कार्य 38 वर्ष बाद फिर गन्ना विभाग करेगा। अब जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय से ही पर्ची जारी की जाएगी। पिछले पेराई सीजन में किसानों के आक्रोश को देखते हुए पर्ची वितरण की जिम्मेदारी समितियों को दे दी गई थी। लेकिन पर्ची उप गन्ना आयुक्त गोरखपुर जारी करते थे। अब नई व्यवस्था के तहत पेराई सत्र 2019-20 में किसानों को पर्ची की जिला गन्ना अधिकारी जारी करेंगे।
- मदरसा बैजौली के बच्चे वार्षिक शैक्षणिक टूर पर रवाना
- पिपरा खादर गांव में गेहूं के खेत में दिखा तेंदुआ, गांव में दहशत
- महराजगंज 27 अधिकारियों पर मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई घर तोड़ने का मामला
- कस्तूरबा गांधी इंटर कालेज गंगराई में वार्षिक खेल का हुआ शुभारंभ
- दो दिवसीय विराट कुश्ती दंगल आयोजन का हुआ शुभारंभ
पेराई सत्र 2019-20 के लिए जिले में गन्ना सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। गन्ना खेती के रकबे की जानकारी गन्ना विभाग को होने के बाद अब चीनी मिलों में गन्ना आपूर्ति की तैयारी की जा रही है। बीते वर्षों में पर्ची वितरण संबंधित कार्य विगत कई वर्षों से चीनी मिलों को दिया गया था। ऐसे में किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गन्ना विभाग के कर्मचारी चाह कर भी किसानों का सहयोग नहीं कर पा रहे थे। लेकिन अब पुरानी व्यवस्था को 38 वर्ष बाद फिर लागू कर दिया गया है। फरेंदा, घुघली, सिसवा व बृजमनगंज के करीब 48 हजार किसानों को गन्ना पर्ची समितियों के कर्मचारी मुहैया कराएंगे। गन्ना विभाग के अधिकारी नया साफ्टवेयर बनवाने के लिए जुट गए हैं। किसानों के हाथ में पर्ची आने के पूर्व एसएमएस के माध्यम से भी इसके बारे में सूचना मिल जाएगी।
असहाय थे डीसीओ, अब पावर बढ़ा
गन्ना आयुक्त ने पिछले पेराई सीजन में जिला गन्ना अधिकारी (डीसीओ) से पर्ची निगरानी का अधिकार छीन लिया है। पर्ची वितरण संबंधी कार्य मंडल स्तर पर बैठे उप गन्ना आयुक्त की निगरानी में किया गया था। उप गन्ना आयुक्त मंडल के सभी जिलों के किसानों को पर्ची जारी करते थे। इस व्यवस्था में जेएचवी चीनी मिल के बंद होने के बाद किसानों को पर्ची के लिए काफी परेशान होना पड़ा। किसानों की समस्याओं को देखते हुए डीसीओ के अधिकार को फिर बहाल कर दिया गया है।
Source :- www.livehindustan.com