वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने गंगा की सफाई के लिए बीजेपी सरकार की तारीफ की है. इसके अलावा चिदंबरम ने नेशनल हाईवे प्रोग्राम और यूपीए के शासनकाल में शुरू की गई आधार स्कीम को आगे बढ़ाने के लिए भी तारीफ की.
‘अनडॉन्टेडः सेविंग द आइडिया ऑफ इंडिया’ किताब के रिलीज़ पर उन्होंने कहा कि वह बीजेपी सरकार से काफी नाराज़ हैं, क्योंकि इसने नोटबंदी करके देश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. इसके अलावा जीएसटी को लागू करके भी इस सरकार ने व्यापार को काफी नुकसान पहुंचाया है.
- सुबह गश्त के साथ स्वच्छता का भी अलख जगा रही भिटौली पुलिस
- भ्रष्टाचार में डूबी विकास की नींव, टैक्सी स्टैंड निर्माण में लगा रहे दोयम ईंट
- शिक्षक अभिभावक संवाद में मेधावीयों को सम्मानित किया गया
- इंडियन कोचिंग सेंटर में छात्र- छात्राओं को दी गईभाव पूर्ण विदाई
- रंगारंग कार्यक्रमों के बीच सांसद खेल स्पर्धा का विधायक ने किया उद्घाटन
चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पिछली सरकार की तुलना में इस सरकार ने एक दिन में ज्यादा नेशनल हाईवे बनाया है. उम्मीद है कि अगली सरकार और ज्यादा नेशनल हाईवे बनाएगी. नेशनल हाईवे प्रोग्राम वास्तव में एक अच्छा प्रोग्राम है.’
आगे उन्होंने कहा ‘यूपीए सरकार के दौरान शुरू की गई ज़ीरो बैलेंस और नो फ्रिल एकाउंट को ही आगे बढ़ाते हुए बीजेपी सरकार जन-धन योजना चलाई जो कि काफी अच्छी योजना है. मैं उनकी तारीफ करता हूं. हमने 35 करोड़ खाते खोले थे इसके बाद उन्होंने 35 करोड़ खाते और खोले.’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, इसी तरह से आधार स्कीम की भी शुरुआत की गई थी जिसको बीजेपी ने कहा था कि खत्म कर दिया जाएगा लेकिन एनडीए ने उसे खत्म नहीं किया और उसी के माध्यम से बाद में एलपीजी का कैश ट्रांसफर किया.
गंगा की सफाई का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि अभी तक इसका कोई अच्छा परिणाम नहीं दिखा है लेकिन बड़ी बात ये है कि वो लोग गंगा को लेकर अच्छी कोशिश कर रहे हैं. हमने करीब पांच बार गंगा को साफ करने की कोशिश की लेकिन हम सभी फेल हुए. उम्मीद है कि इस बार हम लोग फेल नहीं होंगे. वे लोग एक अच्छी कोशिश कर रहे हैं जिसपर मुझे गर्व है. हालांकि, इन सभी बातों के बावजूद एनडीए सरकार बहुत से मुद्दों पर फेल साबित हुई है.’
जब उनसे पूछा गया कि अगर बीजेपी फिर से सत्ता में आती है और उन्हें किसी पद का प्रस्ताव देती है तो वह कौन सा पद लेना पसंद करेंगे. इस पर चिदंबरम ने कहा कि वह विपक्ष के नेता ही बने रहना पसंद करेंगे.
गठबंधन सरकार पर अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि गठबंधन सरकार में चेक-बैलेंस होता है इसलिए यह अच्छी होती है. गठबंधन सरकार की स्थिति में नोटबंदी जैसी स्थिति नहीं होती.
Source :- hindi.news18.com