Friday, November 22, 2024
Homeदेशअब कश्मीर अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचार से आजाद होगा: पीएम मोदी...

अब कश्मीर अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचार से आजाद होगा: पीएम मोदी के संबोधन की 10 बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से आर्टिकल 370 हटने के बाद आज पहली बार देश को संबोधित किया।

PM Narendra Modi Address to Nation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370) हटने के बाद आज पहली बार देश को संबोधित किया। गुरुवार रात 8 बजे देश के नाम संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दजार् देने वाले अनुच्छेद 370 खत्म कर प्रदेश को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद कुछ समय तक वहां सीधे केंद्र का शासन होगा। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 के हटने से अब जाकर कश्मीर आतकंवादा, परिवारवाद और अलगाववाद से आजाद हुआ है। पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के बाद राज्य में विकास के कामों में तेजी आयी है तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है।

राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य में शांति और विकास हुआ है इसलिए कुछ समय तक केंद्र का सीधे तौर पर वहां शासन होगा। उन्होंने कहा कि लद्दाख तो केंद्र शासित प्रदेश रहेगा लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह व्यवस्था नहीं रहेगी और उसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा। उन्होंने वहां के नौजवानों से आह्वान किया कि उन्हें किसी प्रकार घबराने की जरूरत नहीं है, उनके बीच से ही विधायक चुने जाएंगे और आपका अपना विधानसभा होगा। पढ़ें पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या-क्या अहमें बातें कहीं हैं। 

1. जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है। अब देश के सभी नागरिकों के हक़ और दायित्व समान हैं। 

2. आर्टिकल 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने में फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र की तरह उपयोग किया जा रहा था।

3. एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो हम सबके प्रयासों से अब दूर हो गई है।

4. जल्द ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। साथ ही पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। हमने जम्मू-कश्मीर के प्रशासन में एक नई कार्यसंस्कृति और पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। इसी का नतीजा है कि IIT हो, IIM हो, AIIMS हों, तमाम इरिगेशन प्रोजेक्ट्स हो, पावर प्रोजेक्ट्स हों या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो, इन सबके काम में तेजी आई है।

5. हम सभी यही चाहते हैं कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव हों, नई सरकार बने, मुख्यमंत्री बनें। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा देता हूं कि आपको बहुत ईमानदारी के साथ, पूरे पारदर्शी वातावरण में अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जैसे हमने पंचायत के चुनाव पारदर्शिता के साथ संपन्न कराए गए, वैसे ही विधानसभा चुनाव भी होंगे। PM Modi Speech: पीएम मोदी बोले- कश्मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरुआत हुईप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शाम रात आठ बजे देश की जनता को संबोधित करेंगे। यह जानकारी पीएमओ ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से दी है।

6. मैं जम्मू कश्मीर के अपने भाई-बहनों को एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि आपका जनप्रतिनिधि आपके द्वारा ही चुना जाएगा और आपके बीच से ही आएगा। जैसे पहले एमएलए होते थे वैसे ही आगे भी होंगे। जैसे पहले सीएम या कैबिनेट होती थी, वैसे ही आगे भी होंगे। 

7. मुझे पूरा विश्वास है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद, जब इन पंचायत सदस्यों को नई व्यवस्था में काम करने का मौका मिलेगा तो वो कमाल कर देंगे। अब जम्मू-कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके नई आशाओं के साथ आगे बढ़ेगी। 

8. परिवारवाद की संस्कृति ने दशकों तक J&K के युवाओं को नेतृत्व का अवसर ही नहीं दिया। अब यहां के युवा, जम्मू-कश्मीर के विकास का नेतृत्व करेंगे और उसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। मैं नौजवानों और वहां की बहनों-बेटियों से आग्रह करूंगा कि अपने क्षेत्र के विकास की कमान खुद संभालें।

9. जम्मू-कश्मीर के केसर का रंग हो या कहवा का स्वाद, सेब का मीठापन हो या खुबानी का रसीलापन, कश्मीरी शॉल हो या फिर कलाकृतियां, लद्दाख के ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स हों या हर्बल मेडिसिन, इन सबका प्रसार दुनियाभर में किए जाने की जरूरत है। 

10. लोकतंत्र में स्वाभाविक है कि कुछ लोग इस फैसले के पक्ष में हैं और कुछ को इस पर मतभेद है। मैं उनके मतभेद और उनकी आपत्तियों का भी सम्मान करता हूं। लेकिन मेरा उनसे आग्रह है कि वो देशहित को सर्वोपरि रखते जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को नई दिशा देने में सरकार की मदद करें। 

Source :- https://www.livehindustan.com

Leave a Reply

Must Read

spot_img