शहीद पंकज त्रिपाठी की अंतिम यात्रा में उनके घर से त्रिमुहानी घाट तक इतनी भीड़ उमड़ पड़ी है कि पुलिस को वहां ड्रोन कैमरों से नज़र रखनी पड़ रही है। पूरे रास्ते आनन-फानन में बैरीकेडिंग करनी पड़ी। भारी संख्या में मौजूद पुलिस अमला पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जज्बात से भरी भीड़ को काबू में रखने के लिए लगातार मशक्कत कर रहा है।
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद महराजगंज के पंकज त्रिपाठी का पार्थिव शरीर शनिवार अपराह्न 11:40 बजे फरेंदा तहसील के हरपुर बेलहिया टोला पहुंचा। वीर सपूत के तिरंगे में लिपटे ताबूत को देख गांव का हर जर्रा-जर्रा रोया। सभी बस पंकज को एक झलक देखने के लिए बेताब दिखे। पत्नी रोहिणी ताबूत से लिपट कर दहाड़े मारकर रोने लगी। वह बार-बार पंकज का मुंह दिखाने की गुहार लगाती रही।
लेकिन हमले में शहीद का शरीर क्षत विछत होने से सभी रोहिणी को संभालने में लगे रहे। मां सुशीला अपने लाल को ताबूत में देखकर बार-बार बेहोश हो जा रही हैं। पिता ओमप्रकाश त्रिपाठी बेसुध पड़े हैं। छोटे भाई शुभम को रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने किसी तरह से संभाला। इस बीच त्रिपाठी परिवार के साथ पूरा हरपुर गांव रोया। शहीद पंकज अमर रहे के गगनभेदी नारे के साथ पूरा गांव सरकार से शहादत का हिसाब भी मांग रहा था। अपराह्न 12:07 बजे राजकीय सम्मान के साथ शहीद की अंतिम यात्रा गांव से रवाना हुई।
Source :- livehindustan.com