महराजगंज:एक तरफ जहां केंद्र एवं प्रदेश सरकार खुद को विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का हितैषी बता शिक्षा के प्रति गंभीर होने के बड़े-बड़े दावे ठोंक रही है। वहीं दूसरी तरफ इसी सिस्टम की आड़ में स्कूली जिम्मेदार विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का आर्थिक शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिससे जनता के बीच न सिर्फ सरकार की छवि धूमिल हो रही है बल्कि विद्यालय को शिक्षा की मंदिर कही जाने वाली महत्ता को भी शर्मसार किया जा रहा है। नगर पालिका परिषद नौतनवा में स्थित कुछ इंटर कालेजों में इन दिनों प्रयोगात्मक परीक्षा में अधिक अंक दिलवाने के नाम पर हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट के छात्रों से छह सौ से लगाए नौ सौ तक की अवैध रूप से वसूली की जा रही है। यदि कोई भी छात्र इसका विरोध करता है तो उसका प्रैक्टिकल नंबर रोक फेल कर देने के साथ ही उसके भविष्य तक को बिगाड़ देने की खुली धमकी दी जा रही है। वहीं संज्ञान के बावजूद अंजान बने महकमें की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। बता दें कि सिस्टम की लाचारी और इन्हीं धमकियों से डरकर अभिभावक भी उन्हें मुंह मांगी रकम देने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि इन विद्यालयों के जिम्मेदारों ने अभिभावकों में इतना डर पैदा कर दिया है कि अब अभिभावक भी अपने बच्चे के भविष्य को देखते हुए खुलकर इस अवैध धन उगाही का विरोध करने से डर रहे हैं कि कहीं उनके बच्चे की सालों की मेहनत पर स्कूली जिम्मेदार विराम न लगा दें। विद्यालय में पढ़ने वाले धनाढ्य परिवारों के लिए तो यह धनराशि विद्यालय में दिया जाना आम बात है, लेकिन उन परिवारों का क्या जिनके घरों में दो जून की रोटी भी किस्मत से नसीब होती है। यदि ऐसे ही अन्य विभागों की तरह विद्यालयों में भी वसूली की जाने लगी तो गरीब परिवार के बच्चों का पढ़ पाना उनके लिए सपने जैसा हो जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक अशोक कुमार ¨सह का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। प्रैक्टिकल के नाम पर छात्रों से पैसे वसूलने की शिकायत मिली तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
Sources : Jagran.com