राजस्थान सरकार ने अलवर के थानागाज़ी गैंग रेप मामले में एसपी राजीव पचर को हटा दिया है.
राजस्थान सरकार ने अलवर के थानागाज़ी गैंग रेप मामले में एसपी राजीव पचर को हटा दिया है. राज्य सरकार ने मंगलवार की रात एसपी को हटाने का आदेश जारी किया था. आरोप है कि 26 अप्रैल को एक महिला के साथ पाँच लोगों ने उसके पति के सामने रेप किया.
हमलावरों ने रेप का वीडियो भी बनाया था और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था. प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप ने कहा कि एसपी को अगले आदेश तक छुट्टी पर रहने के लिए कहा गया है. थानागाज़ी पुलिस स्टेशन के दो एसएचओ को पहले ही हटा दिया गया था.
प्रदेश सरकार ने पीड़िता को 4.12 लाख की आर्थिक मदद मुहैया कराई है. महिला अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर जा रही थी तभी यह गैंग रेप हुआ था. हमलावरों ने मोटरसाइकिल को थानागाज़ी-अलवर बाइपास के पास रोक लिया था और वहां से सूनसान इलाक़े ले जाकर इन पर सामूहिक बलात्कार करने का आरोप है. दो मई को इस मामले में एफ़आईआर दर्ज हुई थी.
इसे लेकर दलित संगठनों ने अलवर के थानागाजी में प्रदर्शन किया है.
पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है और चार और लोगो की तलाश की जा रही है. दलित संगठनों का दावा है कि पुलिस ने कई दिनों तक इस मामले को दबाए रखा क्योंकि लोकसभा के चुनाव थे.
दलित संगठनों का आरोप है कि पीड़ित दंपती ने पहले मुँह खोलने की हिम्मत नहीं दिखाई क्योंकि वारदात में शामिल लोगों ने वीडियो वायरल करने की धमकी दे रखी थी. हालांकि बाद में पैसे की मांग की गई और वीडियो वायरल कर दिया गया.
पुलिस की कार्रवाई
घटना से आक्रोशित लोगों ने थानागाजी कस्बे में मंगलवार को प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय राजमार्ग रोक दिया. इसके बाद पुलिस हकरत में आई और एक अभियुक्त को गिरफ़्तार कर लिया.
राज्य के पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से कहा कि घटना में पांच लोगो को नामज़द किया गया है और अभियुक्तों की तलाश के लिए 14 टीमें गठित की गई हैं.
डीजीपी गर्ग ने कहा कि पुलिस ने घटना को गंभीरता से लिया है. पीड़िता की मेडिकल और फॉरेंसिक जांच की जा रही है.
प्रदर्शन में शामिल अलवर ज़िले के दलित कार्यकर्ता चरण सिंह ने बीबीसी को बताया कि घटना 26 अप्रैल की है. पीड़िता अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर जा रही थी. तभी पांच लोगो ने उन्हें घेर कर रोक लिया और सुनसान जगह ले जाकर पति के सामने ही पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया.
पीड़ित परिवार
दलित संगठनों का आरोप है कि अभियुक्त घटना का वीडियो बनाते रहे और पति को बेरहमी से पीटते रहे. इन संगठनों के मुताबिक़ पीड़िता रहम की गुहार करती रही मगर अभियुक्तों ने उसे अनसुना कर दिया.
विरोध प्रदर्शन के आयोजकों में से एक सम्यक समाज संघ के रामस्वरूप बौद्ध पीड़ित परिवार से मिल कर लौटे हैं.
बौद्ध ने बीबीसी से कहा इस हादसे ने पूरे परिवार को तोड़ दिया है. वो कह रहे थे हमारा तो जीवन ही व्यर्थ हो गया.
बौद्ध कहते हैं, “आप उस दंपती की वेदना और पीड़ा का अनुमान नहीं लगा सकते. वे शोक में हैं.”
ग़ैरसरकारी संगठन ‘डेमोक्रेटिक इंडिया’ के महेश वर्मा भी इस विरोध में शामिल थे.
वर्मा ने बताया कि पीड़ित दंपती जब अभियुक्तो की धमकियों और हरकतों से परेशान हो गई तो दो मई को पुलिस से कार्रवाई की मांग की. इसके बाद मामला दर्ज किया गया मगर गिरफ़्तारी नहीं की गई.
दलितों के ख़िलाफ़ अत्याचार
महेश वर्मा का आरोप है कि पुलिस ने चुनाव को ध्यान में रखकर मामले को रोके रखा. हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है.
थानागाजी क्षेत्र में लोग सड़कों पर उतरे तो बीजेपी के राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी मौक़े पर पहुंचे और अभियुक्तों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
दलित अधिकार केंद्र के पीएल मीमरोठ कहते हैं, “दलितों के ख़िलाफ़ अत्याचारों के मामले में राजस्थान देश में कभी दूसरे और कभी तीसरे स्थान पर आता है. बहुत सारे मामले तो सामने आ ही नहीं पाते. दलित अधिकार केंद्र ने मौक़े पर अपनी टीम भेजने की बात कही है.”
दलित कार्यकर्ता रामस्वरूप बौद्ध कहते हैं कि पिछले साल अलवर के भिवाड़ी में होली के दिन एक दलित की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.
बौद्ध कहते हैं कि इन घटनाओं ने दलित समाज को हिला कर रख दिया है. इसके विरोध में दलित संगठन बुधवार को अलवर में विरोध प्रदर्शन करेंगे.
बौद्ध कहते हैं कि उन पुलिस अधिकारियो के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करेंगे, जिन्होंने कार्रवाई करने से गुरेज किया.
पुलिस के अनुसार इस घटना में इंद्राज गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा छोटे लाल, महेश गुर्जर, हंसराज और अशोक को भी नामज़द किया गया है.
पुलिस ने इन चारों की गिरफ़्तारी के लिए 14 टीमें गठित कर तलाश तेज कर दी है.
Source :- www.bbc.com