Wednesday, February 5, 2025
Homeदेश144 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई, जानें खास बातें

144 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई, जानें खास बातें

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आज अहम सुनवाई

देशभर में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच सुप्रीम कोर्ट आज नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ और समर्थन में दायर कुल 144 याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इनमें एक याचिका केंद्र सरकार ने दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने इस कानून को संविधान की मूल भावना के खिलाफ और विभाजनकारी बताते हुए रद्द करने का आग्रह किया है। ज्यादातर याचिकाओं में नागरिकता संशोधन कानून की वैधता को चुनौती दी गई है, वहीं कुछ याचिकाओं में इस कानून को संवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षतता वाली तीन सदस्यी पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। 

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर तथा जस्टिस संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ ने नौ जनवरी को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। अदालत ने नागरिकता कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसक घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि याचिकाओं पर तभी सुनवाई होगी जब हिंसक घटनाएं बंद हो जाएगी। 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा और इंडियन मुस्लिम लीग समेत कई लोगों और संगठनों ने यचिका दायर की हैं। ज्यादातर याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह कानून भारत के पड़ोसी देशों से हिंदू, बौद्ध, ईसाई, पारसी, सिख और जैन समुदाय के सताए हुए लोगों को नागरिकता देने की बात करता है, लेकिन इसमें जानबूझकर मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है। संविधान इस तरह के भेदभाव करने की इजाजत नहीं देता।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 दिसंबर को सीएए की संवैधानिकता की समीक्षा करने का फैसला किया था जबकि इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। संशोधित कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक आए हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध, जैन और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।

शाहीन बाग मामले पर भी सुनवाई संभव
सुप्रीम कोर्ट में आज शाहीन बाग मामले पर भी सुनवाई हो सकती है। सीएए कानून के खिलाफ सैकड़ों लोग एक महीने से भी ज्यादा समय से सड़क पर धरना दे रहे हैं। इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की गई हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि धरने की वजह से नोएडा और दिल्ली के लोगों को परेशानी हो रही है।

क्या है नागरिकता कानून:
संशोधित कानून के अनुसार धार्मिक प्रताड़ना के चलते 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read

spot_img

Discover more from UP News |Hindi News | Breaking News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading