भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर टेस्ट सीरीज में मात दी है।
इस सीरीज को जीतने के लिए टीम इंडिया ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया लेकिन टीम के पांच ऐसे हीरो रहे, जिन्होंने भारत का ये सपना पूरा करने के लिए सबसे ज्यादा योगदान दिया। चेतेश्वर पुजारा के धैर्य भरी बल्लेबाजी, जसप्रीत बुमराह की खतरनाक गेंदबाजी, विराट कोहली की शानदार कप्तानी इन सबने भारत को सीरीज जिताने में मदद की। एक नजर भारत की जीत के पांच सबसे बड़े हीरो परः
1- चेतेश्वर पुजाराः ऑस्ट्रेलिया और भारतीय क्रिकेट टीम के बीच जो सबसे बड़ा अंतर था, वो चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी ही थी। पुजारा के योगदान का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं, कि उन्हें मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज दोनों चुना गया। भारत ने जो दो टेस्ट जीते, उसमें पुजारा ने सेंचुरी ठोकी थी। पुजारा ने 7 पारियों में 74.42 की औसत से 521 रन बनाए। जिसमें तीन सेंचुरी शामिल हैं। पुजारा का बेस्ट स्कोर सीरीज में 193 रन रहा, जो ओवरऑल इस सीरीज में किसी बल्लेबाज का बेस्ट स्कोर भी है।
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2- मयंक अग्रवालः टीम इंडिया के लिए मयंक अग्रवाल किसी वरदान से कम नहीं रहे। पहले दो टेस्ट मैचों में दोनों सलामी बल्लेबाजों के फेल होने के बाद मयंक अग्रवाल को टीम में शामिल किया गया। उन्होंने मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट में डेब्यू किया और पहली पारी में 76 रन ठोक डाले। मयंक को जो मौका मिला, उन्होंने उसका भरपूर फायदा उठाते हुए तीन पारियों में 76, 42 और 77 रनों की पारी खेली। मयंक ने तीन पारियों में 52 के औसत से 195 रन बनाए, जिसमें दो अर्धशतक शामिल थे।
3- जसप्रीत बुमराहः टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। 8 पारियों में बुमराह ने 17 की औसत और 44.9 के स्ट्राइक रेट से 21 विकेट झटके। बुमराह ने 157.1 ओवर में 357 रन खर्चे। मेलबर्न में टीम इंडिया की जीत के असली हीरो बुमराह ही थे। उन्होंने खुद को टेस्ट में बेस्ट गेंदबाज के रूप में स्थापित कर लिया है।
4- विराट कोहलीः कप्तान विराट कोहली बल्ले से भले ही बहुूत कामयाब ना रहे हों, लेकिन उनकी कप्तानी और मैदान पर उनके आक्रामक रवैये ने फैन्स का दिल जीत लिया। विराट ने इस सीरीज में 7 पारियों में 40.28 की औसत से 282 रन बनाए, जिसमें एक सेंचुरी शामिल रही। विराट जिस तरह की फॉर्म में चल रहे हैं, ऐसे में उनका ये प्रदर्शन औसत दर्जे का ही कहेंगे। विराट ने कप्तान के रूप में इस सीरीज के दौरान एक नई मिसाल कामय कर डाली।
5- ऋषभ पंतः 2014-15 में महेंद्र सिंह धौनी ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था और उसके बाद से ऋद्धिमान साहा ने विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभाई। साहा की इंजरी के बाद ऋषभ पंत को टेस्ट क्रिकेट में अपना कमाल दिखाने का मौका मिला और उन्होंने इसका भरपूर फायदा भी उठाया। पंत निडर होकर खेलते हैं और ये नहीं देखते कि सामने कौन सा गेंदबाज है। वो अपना नैचुरल गेम खेलते हैं और यही उनको बाकियों से अलग करता है। इस सीरीज में पंत ने 7 पारियों में 58.33 की औसत से 350 रन बनाए। इसमें एक सेंचुरी शामिल है।
Sources :- livehindustan.com