भारत अगले दस सालों के दौरान हरित ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सफलता हासिल करेगा। एक अध्ययन के अनुसार 2030 तक कुल ऊर्जा उत्पादन में हरित ऊर्जा की हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी तक पहुंच जाएगी। जबकि इस अवधि में कोयला आधारित ऊर्जा में करीब 44 फीसदी तक की कमी आ सकती है।
- पी.एम. आवास योजना ऑनलाइन करने के नाम पर लूट, ग्रामीणों से लिया जा रहा 200 रुपए
- कबाड़ व्यवसायी पर जीएसटी टीम ने ठोका एक लाख का जुर्माना
- गुरुकुल हाई स्कूल में विज्ञान प्रतियोगिता आयोजित
- Xiaomi का Redmi Book Pro 14 एक बेहतरीन स्टाइलिश और परफॉर्मेंस लैपटॉप है.
- नियमों का उल्लंघन करने पर 20 वाहनों का हुआ चालान
द एनर्जी रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) के एक अध्ययन के अनुसार अभी देश में करीब 57 फीसदी बिजली का उत्पादन कोयले से होता है। कोयले से बिजली उत्पादन में सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है। इसलिए पेरिस समझौते के तहत भी सभी देशों को उत्सर्जन में कमी लाने के लिए कोयले के इस्तेमाल में कमी लानी है। रिपोर्ट के अनुसार 2030 में कोयले से बिजली उत्पादन हालांकि बढ़ेगा लेकिन यह तब के बिजली उत्पादन का महज 34 फीसदी रह जाएगा। इस अवधि में सौर एवं पवन ऊर्जा से बिजली उत्पादन बढ़कर करीब 46 फीसदी हो जाएगा। अभी यह महज 16 फीसदी है।
अभी सौर ऊर्जा का उत्पादन छह फीसदी और पवन ऊर्जा का दस फीसदी है। लेकिन 2030 में यह क्रमश: 27 और 19 फीसदी तक पहुंच जाएगा। जबकि छोटी जल विद्युत परियोजनाओं और बायोमास से बिजली उत्पादन क्रमश: एक और तीन फीसदी बना रहेगा। इस प्रकार करीब 50 फीसदी बिजली स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से तैयार होगी।
उत्पादन दोगुना होगा
रिपोर्ट के अनुसार 2018 में विभिन्न स्रोतों से कुल 3.44 लाख मेगावाट बिजली पैदा हो रही थी। जबकि 2030 में बिजली उत्पादन कुल 7.08 लाख मेगावाट हो जाएगा। आज कुल जितनी बिजली पैदा होती है 2030 में करीब-करीब उतनी ही बिजली स्वच्छ स्रोतों से पैदा होगी।
हाइड्रो और गैस
रिपोर्ट के अनुसार बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन में कमी आएगी। अभी यह 13 फीसदी है जो कम होकर दस फीसदी रह जाएगा। गैस से बिजली अभी सात फीसदी बनती है जो घटकर चार फीसदी रह जाएगी। जबकि परमाणु ऊर्जा की मौजूदा हिस्सेदारी दो फीसदी बनी रहेगी।
पेरिस समझौते के प्रावधान
पेरिस समझौते के तहत सभी देशों से कोयले पर से निर्भरता कम करने को कहा गया है। इसके तहत यूरोपीय देश 2030 तक, चीन 2040 तक और बाकी देश 2050 तक कोयले से बिजली बनाना बंद करने का प्रावधान है।
देश में बिजली उत्पादन (मेगावाट, प्रतिशत)
स्रोत 2018 (प्रतिशत) 2030 (प्रतिशत)
कोयला 197172 (57) 238131(34)
हाइड्रो 45293 (13) 72901(10)
गैस 24897 (7) 24897 (4)
पवन 34046(10) 132000(19)
सौर 21651(6) 190000(27)
बायोमास 8839 (3) 22600 (3)
परमाणु 6780 (2) 16880 (2)
लघु जल 4486 (1) 10400(1)
डीजल 838 (1) 000(0)
कुल उत्पादन 344002(100) 708647 (100)
Source :- livehindustan.com