महाराष्ट्र की 48 सीटों में 25 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ेगी जबकि 23 सीटों पर शिवसेना चुनाव लड़ेगी. दोनों पार्टियों के बीच विधानसभा चुनाव भी साथ लड़ने का समझौता हुआ है.
इसमें कुछ सहयोगी पार्टियों के लिए सीट छोड़ने के बाद महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों दोनों पार्टियां बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
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इसकी घोषणा शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में की.
अमित शाह ने वहाँ कहा, “दोनों दलों के बीच मतभेद हो गए थे, हालांकि हम सरकार में साथ ही थे लेकिन अब हम उन सबको यहीं भुलाकर आगे बढ़ रहे हैं.l
उद्धव ठाकरे ने भी इस मौके पर कहा कि अब आने वाले दिनों में गठबंधन में मुश्किल नहीं होगी.
2014 के आम चुनाव में बीजेपी-शिवसेना ने आपस में मिलकर राज्य में 40 सीटों पर कब्जा जमाया था. बीजेपी ने तब 22 सीटें जीती थीं, जबकि शिवसेना 18 सीट जीतने में कामयाब रही थी.
2014 के आम चुनाव में शिवसेना राज्य में 22 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जबकि 26 सीटों पर बीजेपी ने. इस बार शिवसेना को एक सीट ज़्यादा मिली है.
45 सीटों पर जीत का दावा
अमित शाह ने इस मौके पर ये भी दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन 48 में से कम से कम 45 सीटें जीतेंगी.
इसकी घोषणा से पहले प्रेस कांफ्रेंस में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारे बीच मतभेद ज़रूर रहे लेकिन हमारे विचार एक है और राष्ट्रवादी दलों का एक होना जरूरी है.
फडणवीस ने ये भी कहा कि बीजेपी और शिवसेना लंबे समय तक एक दूसरे का साथ रही है, 25 साल का रिश्ता है और यह समय मतभेद भुलाकर साथ आने का है.
उन्होंने ये भी बताया कि सीटों के समझौते से पहले बीजेपी और शिवसेना के बीच अयोध्या में राममंदिर निर्माण के मुद्दे पर भी चर्चा हुई है और राममंदिर पर हम दोनों के विचार एक हैं.