बाहर से आने वाले यात्रियों को गोरखपुर से लाने के लिए आठ बसों को लगाया गया था। इसके अलावा गोरखपुर डिपो की तीन बसें यात्रियों को लेकर महराजगंज पहुंची।
महराजगंज: कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। बचाव के लिए देश में हुए लॉकडाउन से दिहाड़ी मजदूरों पर आफत टूट पड़ी है। कहीं फैक्ट्रियां बंद हैं तो कहीं मकान मालिक ने घर से निकाल दिया। कामगारों को मजदूरी नहीं मिली तो उन्होंने पलायन शुरू कर दिया। रोज कमाने और खाने वाले मजूदर जब महराजगंज डिपो पहुंचे तो मायूस दिखे। बेबस चेहरे उनकी लाचारी की दास्ता बता रहे थे। कई तो भूखे पेट हैं, उन्हें दाना पानी नहीं चाहिए, सिर्फ एक चीज घर कब पहुंचेंगे।
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सिद्धार्थनगर जिले के फुलवरिया गांव निवासी दीपचंद दिल्ली में काम करते हैं। लॉकडाउन होते ही फैक्ट्री बंद हुई। भोजन का संकट उत्पन्न हुआ, तो घर के लिए निकल लिए। दिल्ली से गाजियाबाद पैदल आए। वहां से बस पकड़कर लखनऊ, गोरखपुर होते हुए महराजगंज पहुंच गए। आगे जाने के लिए साधन नहीं था तो पैदल ही चल पढ़े। बाद में पकड़ी चौकी प्रभारी ने पिकअप से कोल्हुई तक पहुंचाया। सिसवा महदेवा के जयहिद महराजगंज डिपो से पैदल घर के लिए निकल गए। अधिकांश यात्रियों का कहना था कि डिपो तक घर से बाइक या साइकिल मंगा सकते थे लेकिन पुलिस डंडा मार रही है। इससे अच्छा पैदल ही चल लिया जाए।