श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग हमले में 18 जवान शहीद हो गए, जबकि 17 अन्य जख्मी हो गए। विस्फोट में तीन अन्य वाहनों को भी क्षति पहुंची है।
श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोर के पास गोरीपोरा में वीरवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक स्थानीय आत्मघाती आदिल अहमद उर्फ वकास ने कार बम से सीआरपीएफ के एक काफिले में शामिल बस को उड़ा दिया। हमले में 18 जवान शहीद हो गए, जबकि 17 अन्य जख्मी हो गए। विस्फोट में तीन अन्य वाहनों को भी क्षति पहुंची है। सभी घायल जवानों को उपचार के लिए बादामी बाग सैन्य छावनी स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में दाखिल कराया गया है। आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। फिलहाल, सुरक्षाबलों ने विस्फोटस्थल के आसपास के इलाके को घेरते हुए तलाशी अभियान चला रखा है। धमाके के बाद अवंतीपोरा से लेकर बीजबेहाडा तक हाईवे पर आम वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया है।
- दो दिवसीय विराट कुश्ती दंगल आयोजन का हुआ शुभारंभ
- तीन दिवसीय खेल का समापन वार्षिकोत्सव के साथ हुआ समापन
- अधिकारीयों की लापरवाही से बिजली बिल एकमुश्त समाधान योजना की गति धीमी, जनता परेशान
- भारत स्काउट गाइड प्रशिक्षण का आज समापन
- स्काउट गाइड प्रशिक्षण से अनुशासन का होता है बोध
आतंकियों का निशाना बना सीआरपीएफ वाहन जम्मू से श्रीनगर की तरफ आ रहे सीआरपीएफ के जवानों के काफिले का हिस्सा था। काफले में करीब 40 वाहन थे। अपरान्ह करीब सवा तीन बजे जब यह काफिला दक्षिण कश्मीर में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोरीपोरा अवंतीपोर के पास पहुंचा तो अचानक एक कार तेजी से काफिले में घुसी। कार चालक ने सीआरपीएफ जवानों की एक बस को टक्कर मार दी और इसके बाद वहां जोरदार धमाके की आवाज आई। कार धू-धू कर सड़क पर जलने लगी, बस के एक हिस्से में भी आग की लपटें निकलने लगीं।
धमाके की आवाज से पूरा इलाका दहल गया और आसमान में काले धुुएं के गुब्बार के साथ सड़क पर लोगों को रोने-चिल्लाने की आवाजें आने लगी। काफिले में शामिल अन्य वाहन तुरंत रुक गए और उनमें सवार जवान जब बाहर निकल रहे थे तो वहीं एक जगह पोजीशन लिए बैठे आतंंकियों ने उन पर गोलियां भी दागी। जवानों ने तुरंत अपनी पोजीशन ले जवाबी फायर किया। कहा जाता है कि जवाबी फायर पर आतंकी वहां से भाग निकले।
इस बीच, जवानों ने पूरे इलाके को घेरते हुए कार बम विस्फोट से तबाह हुई बस में पड़े जख्मी और मृत जवानों काे बाहर निकलवा अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया। स्थिति इतनी भयावह थी कि धमाके की चपेट में आई बस में सवार कई जवान जिनकी मौत हुई है, के शव सड़क पर गिरे पड़े थे, कई लाशों के चिथड़े तक उड़ गए थे। आतंकियों द्वारा धमाके में इस्तेमाल कार में सवार आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद के भी मारे जाने का दावा किया जा रहा है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि 12 जवान मौके पर ही मारे गए थे, जबकि चार अन्य ने अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में दम तोड़ा। दो अन्य जवानों की अस्पताल में मौत हुई है।
इस बीच, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर आतंकी हमले की निंदा की है।
बताया जा रहा है कि रिमोट से ब्लास्ट किया गया है। 18 सितंबर, 2016 में उड़ी हमले के बाद यह सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है। उड़ी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे।
17 जनवरी, 2019
आतंकियों ने दो दिनों के भीतर घंटाघर लाल चौक, शोपियां पुलिस कैंप में तीन ग्रेनेड हमले किए। इस हमले में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर इकबाल सिंह और 2 ट्रैफिक पुलिस कर्मियों सहित छह लोग घायल हो गए थे।
Sources :- jagran.com