अक्षय उर्जा के मामले में भारत में लगातार सुधार हो रहा है।
अक्षय उर्जा के मामले में भारत में लगातार सुधार हो रहा है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत दो पायदान उपर चढ़कर 115 देशों की सूची में 76वें स्थान पर काबिज हो गया है। इस सूची में शीर्ष दो स्थानों पर स्वीडन और स्विटजरलैंड काबिज हैं।ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में ब्राजील के अलावा केवल भारत की ऐसा है जिसकी स्थिति में सुधार देखा गया है। इस सूची में शीर्ष 10 के सभी देश यूरोपीय हैं।
- गैरुल निशा कॉलेज में सड़क सुरक्षा जागरूकता
- गोरखपुर में युवक की हत्या: पांच आरोपी गिरफ्तार
- परतावल में दुर्गा विसर्जन: भक्ति और उल्लास का महोत्सव
- भिटौली में ज्वेलरी शॉप चोरी का खुलासा
- जिलाधिकारी झा और एसपी मीणा ने ठूठीबारी में किया विकास कार्यों का शुभारंभ
भारत में अक्षय उर्जा की क्षमता 73 गीगावाट है। जो देश की कुल उर्जा उत्पादन का 20 फीसदी है। इसका कारण सरकार द्वारा अक्षय उर्जा के क्षेत्र में लगातार किया जाने वाला कार्य है।
इस रिपोर्ट में भारत के उर्जा सुधार की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की गई है। इसके लिए राजनैतिक नेतृत्व को भी जिम्मेदार बताया गया है। कहा गया है कि जटिल और पुराने उर्जा सिस्टम होने के बावजूद भारत तेजी से अक्षय उर्जा को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।
इसमें कहा गया है कि भारत में अक्षय उर्जा का उत्पादन अब परंपरागत उर्जा को पीछे छोड़ने लगा है। आने वाले दिनों में भारत इस क्षेत्र में और तेजी से विकास करेगा। अक्षय उर्जा के बढ़ने का प्रमुख कारण इसके लिए सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी है। सुदूर के क्षेत्रों में सुरक्षाबल भी स्थानीय लोगों को अक्षय उर्जा के प्रयोग के लिए जागरुक करने का काम कर रहे हैं।
जानिए शीर्ष 10 देशों के बारे में
- स्वीडन
- स्विटजरलैंड
- नॉर्वे
- फिनलैंड
- डेनमार्क
- ऑस्ट्रिया
- यूनाइटेड किंगडम
- फ्रांस
- नीदरलैंड
- आइसलैंड
ये हैं सबसे पिछड़े देश
- हैती
- दक्षिण अफ्रीका
- जिम्बाब्वे
- वेनेजुएला
- मोजाम्बिक
- किर्गिस्तान
- नाइजीरिया
- मंगोलिया
- यूक्रेन
- लेबनान
Source :- www.amarujala.com